पटवारियों और भू अभिलेख निरीक्षकों का आंदोलन तेज, कार्य बहिष्कार की चेतावनी

Update: 2025-12-22 17:34 GMT


सवाईपुर सांवर वैष्णव

राजस्थान पटवार कानूनगो संघ उपशाखा कोटड़ी के बैनर तले सोमवार को पटवारियों और भू अभिलेख निरीक्षकों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर उपखंड अधिकारी को जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से संघ ने चेतावनी दी कि मांगें नहीं मानी गईं तो अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार किया जाएगा।

संघ ने बताया कि 27 नवंबर 2025 को ग्राम नारायणपुरा तहसील आसीन्द और ग्राम बामणिया तहसील बनेड़ा में विलायती अथवा अंग्रेजी बबूल कटाई के मामले में निर्दोष पटवारियों और भू अभिलेख निरीक्षकों के खिलाफ जारी कारण बताओ नोटिस को निरस्त करने की मांग की गई थी। उस समय प्रशासन की ओर से विधिसम्मत कार्रवाई और किसी भी प्रकार की कठोर कार्रवाई नहीं करने का मौखिक आश्वासन दिया गया था।

इसके बावजूद उसी दिन पटवारी हल्का दुल्हेपुरा तहसील आसीन्द, भू अभिलेख निरीक्षक मोड़ का निम्बाहेड़ा तहसील आसीन्द, पटवारी हल्का बामणिया तहसील बनेड़ा और भू अभिलेख निरीक्षक सरदारनगर तहसील बनेड़ा को निलंबित कर दिया गया। साथ ही इनके विरुद्ध सीसीए रूल्स 16 के तहत विभागीय जांच भी प्रस्तावित कर दी गई, जिसे संघ ने दिए गए आश्वासन के विपरीत बताया।

संघ ने यह भी कहा कि जिले की सभी तहसीलों से संबंधित उपखंड अधिकारियों के माध्यम से निलंबित कार्मिकों की बहाली के लिए ज्ञापन भेजे गए, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। आरोपों को लेकर संघ का कहना है कि जिस भूमि पर विलायती बबूल कटाई का मामला बताया गया है, वह भूमि बिलानाम नहीं बल्कि चरागाह और वन विभाग की भूमि है। वन भूमि के रखरखाव और प्रबंधन की जिम्मेदारी वन विभाग की होती है, जबकि चरागाह भूमि का दायित्व ग्राम पंचायत का है। राजस्व विभाग का इस कार्य से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है।

संघ के अनुसार इस स्थिति में राजस्व विभाग के कार्मिकों को जिम्मेदार ठहराकर निलंबन और विभागीय कार्रवाई करना विधि सम्मत नहीं है। इस कार्रवाई से भीलवाड़ा जिले के सभी पटवारियों और भू अभिलेख निरीक्षकों में गहरा असंतोष, भय और निराशा का माहौल बना हुआ है।

संघ ने कहा कि भले ही कानून में निलंबन को सजा नहीं माना जाता, लेकिन वास्तविकता में इससे बड़ी सजा कोई नहीं होती। निलंबन से कर्मचारी की सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचती है और उसका मनोबल टूटता है।

राजस्थान पटवार कानूनगो संघ शाखा भीलवाड़ा ने प्रशासन से मांग की है कि 22 दिसंबर 2025 तक सभी निलंबित कार्मिकों को बहाल किया जाए और प्रस्तावित विभागीय कार्रवाई को निरस्त किया जाए। ऐसा नहीं होने पर 23 दिसंबर 2025 से जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन संपूर्ण कार्य बहिष्कार और धरना प्रदर्शन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।

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