भीलवाड़ा: सच लिखने पर पत्रकार पर जानलेवा हमला; दबंगों ने दी जान से मारने की धमकी, पत्रकारों में रोष
अरवड़/फुलियाकलां | राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में अभिव्यक्ति की आजादी पर सीधा प्रहार करने वाला एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहाँ राज्य स्तरीय अखबार' के संवाददाता सत्यनारायण टेलर पर खबर छापने से नाराज कुछ दबंगों ने न केवल जानलेवा हमला किया, बल्कि उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पत्रकार सत्यनारायण टेलर ने गत 17 दिसंबर 2025 को ग्राम अरवड़ में आयोजित 'रात्रि चौपाल' कार्यक्रम की कवरेज की थी, जो समाचार पत्र में प्रकाशित हुई। इस खबर से बौखलाए रामलाल गुर्जर (पुत्र माधुलाल गुर्जर, निवासी सरदारपुरा) ने पहले फोन पर पत्रकार को 'औकात' दिखाने की धमकी दी थी।
सरेराह रोका रास्ता, बरसाए लात-घूंसे
24 दिसंबर 2025 की सुबह करीब 9:30 बजे जब पत्रकार अपने काम से बस स्टैंड की ओर जा रहे थे, तभी आरोपी रामलाल गुर्जर अपने साथियों—ईश्वर गुर्जर, गोपा रेगर, रामप्रसाद रेगर और महाबीर खारोल—के साथ वहां पहुंचा। आरोपियों ने पत्रकार का कॉलर पकड़कर उनके साथ अभद्रता की और कहा, "बहुत खबरें छापता है, आज तुझे सबक सिखा देता हूं।"
इसके बाद आरोपियों ने पत्रकार पर लात-घूंसों से हमला कर दिया। हमले की क्रूरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आरोपियों ने पत्रकार के हाथ पर दांत से काटा और उनके गले, कंधे व पेट पर गंभीर चोटें पहुंचाईं।
झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी
मारपीट के बाद भी आरोपियों का मन नहीं भरा। उन्होंने जाते-जाते पत्रकार को धमकाया कि यदि पुलिस में रिपोर्ट दी, तो उसके खिलाफ झूठा एससी-एसटी (SC/ST) एक्ट का मामला दर्ज करवा देंगे। खुद को "बड़ी गैंग" का आदमी बताते हुए आरोपियों ने पत्रकार को जान से मारने की धमकी भी दी।
पुलिस की कार्रवाई
घटना के बाद घायल पत्रकार ने पुलिस थाना फुलियाकलां पहुंचकर अपनी रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है:
* धारा 115(2): स्वेच्छा से चोट पहुंचाना।
* धारा 126(2): गलत तरीके से रोकना।
* धारा 189(2): गैर-कानूनी जमावड़ा।
थाना प्रभारी राजेंद्र सिंह को मामले की जांच सौंपी गई है।
पत्रकार संगठनों में भारी आक्रोश
इस घटना ने ग्रामीण क्षेत्रों में पत्रकारों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय पत्रकार संगठनों ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। संगठनों का कहना है कि यह हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर प्रहार है।
