पुतिन का ट्रंप पर प्रहार: भारत-चीन पर उपनिवेश काल जैसी दबाव नीति नहीं चलेगी

Update: 2025-09-04 18:19 GMT

बीजिंग रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कड़ी फटकार लगाई है। पुतिन ने कहा कि भारत और चीन जैसे बड़े और मजबूत देशों पर दबाव बनाने के लिए उपनिवेश काल जैसी नीतियों का इस्तेमाल करना गलत है। उन्होंने साफ कहा कि अब वह दौर खत्म हो चुका है जब ताकतवर देश अपनी मनमानी करते थे।

धमकी या सजा की नीति उल्टा असर डाल सकती है- पुतिन

बता दें कि व्लादिमीर पुतिन चीन की विजय परेड में हिस्सा लेने के लिए बीजिंग पहुंचे हैं। बुधवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, 'भारत और चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के पास न सिर्फ विशाल जनसंख्या है, बल्कि उनके अपने राजनीतिक तंत्र और कानून हैं। ऐसे देशों के नेताओं से बात करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि उन पर किसी भी तरह की धमकी या सजा की नीति उल्टा असर डाल सकती है।'

'इतिहास ने उन्हें सिखाया है संघर्ष करना'

रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और चीन जैसे देशों का इतिहास संघर्षों से भरा है। ये देश लंबे समय तक उपनिवेशवाद और अपनी संप्रभुता पर हमलों का सामना करते रहे हैं। उन्होंने कहा, 'जब किसी नेता से कहा जाता है कि उसे सजा दी जाएगी, तो वह सोचता है कि अगर उसने कमजोरी दिखाई तो उसकी राजनीतिक करियर खत्म हो जाएगा। यही बात उसके फैसलों को प्रभावित करती है।'

'उपनिवेश काल अब खत्म हो चुका है'

पुतिन ने ट्रंप की नीति की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका को यह समझना होगा कि उपनिवेश काल अब खत्म हो चुका है। पुतिन ने आगे कहा, 'वे अपनी ताकत दिखाकर दूसरों पर दबाव नहीं बना सकते। किसी देश को 'सजा देने' जैसी भाषा का इस्तेमाल साझेदारों के लिए नहीं होना चाहिए।'

भारत और चीन पर ट्रंप के फैसले

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल में भारत और चीन पर कड़े आर्थिक कदम उठाए थे। भारत के मामले में, ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाया है। चीन पर शुरू में उन्होंने 145 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था। बाद में दोनों देशों के बीच एक अंतरिम व्यापार समझौता हुआ, जिसके बाद अमेरिकी टैरिफ घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया। वहीं चीन ने भी अमेरिकी सामान पर लगने वाला टैरिफ 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया। रूसी राष्ट्रपति पुतिन का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और चीन दोनों ही विश्व राजनीति और अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं, और अमेरिका की नीतियां इन पर सीधा असर डालती हैं।

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