उपग्रह आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू करने का अभी कोई निर्णय नहीं : सरकार

उपग्रह आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू करने का अभी कोई निर्णय नहीं : सरकारउपग्रह आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू करने का अभी कोई निर्णय नहीं : सरकार
नयी दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि उसने आगामी एक मई से देश भर में उपग्रह आधारित टोल संग्रह प्रणाली लागू करने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
मंत्रालय ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि उसने या भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है।
सरकार ने कुछ मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लेते हुए यह स्पष्टीकरण जारी किया है। इन रिपोर्टों में कहा गया था कि आगामी एक मई से देश भर में मौजूदा फास्टैग प्रणाली के स्थान पर टोल संग्रह के लिए उपग्रह आधारित प्रणाली की शुरूआत की जा रही है।
मंत्रालय ने कहा है कि टोल प्लाजा के माध्यम से वाहनों की निर्बाध, बाधा-मुक्त आवाजाही को सक्षम बनाने और यात्रा के समय को कम करने के लिए चुनिंदा टोल प्लाजा पर स्वचालित नम्बर प्लेट पहचान- फास्टैग आधारित ‘बैरियर-लेस टोलिंग सिस्टम’ लागू किया जाएगा।
उन्नत टोलिंग प्रणाली में ‘स्वचालित नंबर प्लेट पहचान’ तकनीक वाहनों की नंबर प्लेट पढ़कर उन्हें मौजूदा ‘फास्टैग प्रणाली’ जो टोल कटौती के लिए रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन का उपयोग करती है के साथ जोड़ेगी। इसके तहत वाहनों से टोल प्लाजा पर रुके बिना ही इस तकनीक के आधार पर उनसे टोल संग्रह किया जाएगा। नियमों का पालन न करने की स्थिति में उल्लंघनकर्ताओं को ई-नोटिस भेजा जाएगा, जिसका भुगतान न करने पर फास्टैग निलंबित किया जा सकता है और वाहन से संबंधित अन्य दंड लगाया जा सकता है।
प्राधिकरण ने नयी तकनीक के क्रियान्वयन के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। सफल कंपनी चुनिंदा टोल प्लाजा पर अपनी तकनीकी का इस्तेमाल कर टोल संग्रह करेंगी और बाद में समीक्षा के बाद इस तकनीक को देश भर में लागू करने का निर्णय लिया जायेगा।