सरकारी स्कूलों के मास्साब की अब नहीं चलेगी चालाकी, पोर्टल पर करना होगा यह काम
भीलवाड़ा बीएचएन। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में फर्जी मास्टरजी पर लगाम लगाने के लिए शिक्षा विभाग नई व्यवस्था लागू कर रहा है। इसके तहत अब सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को शाला दर्पण पोर्टल पर अपनी फोटो की ऑन लाइन पुष्टि करनी होगी। यह वेरिफिकेशन संस्था प्रधान और पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ) द्वारा किया जाएगा। यह कदम प्रॉक्सी टीचर्स की समस्या से निपटने के लिए उठाया गया है। इस संबंध में निर्देश शिक्षा विभाग ने सभी संयुक्त निदेशकों को जारी कर दिए हैं। पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी स्वयं स्कूलों में जाकर प्रत्येक शिक्षक का वेरिफिकेशन करेंगे। इसके बाद ब्लॉक और जिला शिक्षा अधिकारी पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी की ओर से किए गए वेरिफिकेशन की जांच करेंगे। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कम से कम 5 प्रतिशत स्कूलों की, जबकि जिला स्तर के अधिकारी कम से कम 2त् प्रतिशत स्कूलों की जांच करेंगे।इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए, शाला दर्पण पोर्टल पर एक नया मॉड्यूल बनाया गया है। इसके साथ ही, स्टेप-बाय-स्टेप गाइडलाइन (एसओपी) भी जारी की गई है। यह सुनिश्चित करने के लिए है कि सभी शिक्षकों का फोटो वेरिफिकेशन सही तरीके से हो। पीइइओ अपने अधीनस्थ स्कूलों में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर प्रत्येक कार्मिक का वेरिफिकेशन करेंगे। यानी पीईईओ खुद स्कूल जाकर सभी कर्मचारियों की जांच करेंगे। इसके बाद, ब्लॉक व जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा पीइइओ के माध्यम से किए गए वेरिफिकेशन की जांच की जाएगी। मतलब ब्लॉक और जिला स्तर के अधिकारी पीईईओ के काम की दोबारा जांच करेंगे। इससे फर्जीवाड़े की गुंजाइश कम होगी।