नई पहल: इंसानों की तरह अब पशुओं के लिए भी ब्लड बैंक और आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का रोडमैप तैयार
पशु चिकित्सा सेवा में बड़ा बदलाव करते हुए मत्स्य पालन, पशुपालन और डेरी मंत्रालय ने पशुपालन एवं डेरी विभाग के तहत देश के पहले राष्ट्रीय दिशानिर्देश और मानक संचालन प्रक्रियाएं (SOP) जारी की हैं। ये दिशानिर्देश पशुओं के ब्लड ट्रांसफ्यूजन और ब्लड बैंकों के संचालन के लिए व्यापक ढांचा उपलब्ध कराएंगे।
वैज्ञानिक और संरचित ब्लड ट्रांसफ्यूजन
पहले पशुओं में ब्लड ट्रांसफ्यूजन केवल आपात स्थिति में ही किया जाता था। अक्सर इसमें डोनर की जांच, रक्त समूह का मिलान या स्टोरेज प्रोटोकॉल का पालन नहीं होता था। नए दिशानिर्देश अब इन सभी पहलुओं को वैज्ञानिक, नैतिक और संरचित तरीके से सुनिश्चित करेंगे।
इनमें शामिल हैं:
डोनर चयन और स्वास्थ्य जांच
रक्त संग्रह और प्रोसेसिंग
ब्लड स्टोरेज और ट्रांसफ्यूजन प्रोसीजर्स
निगरानी और सुरक्षा उपाय
दिशानिर्देश भारतीय पशु चिकित्सा परिषद, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों, ICAR संस्थानों और राज्य सरकारों के साथ परामर्श के बाद तैयार किए गए हैं।
डोनर के लिए मानदंड और नेटवर्क
राष्ट्रीय गाइडलाइन में डोनर्स के लिए स्पष्ट पात्रता मानदंड बनाए गए हैं, जिनमें स्वास्थ्य, टीकाकरण की स्थिति, आयु, वजन और रोग की जांच शामिल है। स्वैच्छिक और बिना पैसे के रक्त दान पर विशेष जोर दिया गया है।
इसके साथ ही डिजिटल रजिस्ट्री, रीयल-टाइम इन्वेंटरी और आपातकालीन हेल्पलाइन वाले एक राष्ट्रीय पशु चिकित्सा ब्लड बैंक नेटवर्क बनाने का रोडमैप भी तैयार किया गया है।
प्रशिक्षण और शिक्षा
पशु चिकित्सा छात्रों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल, स्नातकोत्तर कार्यक्रम और चिकित्सकों के लिए सतत शिक्षा भी योजनाओं में शामिल हैं।
महत्व
भारत का पशुधन और पशुपालन क्षेत्र दुनिया के सबसे बड़े क्षेत्रों में से एक है। इसमें 53.7 करोड़ से अधिक पशुधन और 12.5 करोड़ से अधिक पालतू घरेलू पशु शामिल हैं। यह क्षेत्र राष्ट्रीय GDP में 5.5 प्रतिशत और कृषि GDP में 30 प्रतिशत से अधिक का योगदान करता है। साथ ही यह खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण आजीविका और सार्वजनिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस नई पहल के बाद न केवल पशुओं के जीवन में सुधार होगा, बल्कि पशुपालन क्षेत्र में आधुनिक और सुरक्षित चिकित्सा सुविधाओं का मार्ग भी खुलेगा।
