पाकिस्तान में राजनीतिक तनाव बढ़ा.लगा राष्ट्रपति शासन रावलपिंडी में सड़कों पर उमड़े इमरान समर्थक
पाकिस्तान की राजनीति एक बार फिर उथल पुथल से गुजर रही है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सेहत को लेकर बढ़ती अनिश्चितता और परिवार की ओर से उठाए जा रहे सवालों ने माहौल को और भड़का दिया है। उनकी बहनें और बेटे लगातार सरकार और सेना पर आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच आज पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के हजारों समर्थक रावलपिंडी की सड़कों पर उतर आए और अदियाला जेल के बाहर जुट गए, जहां इमरान खान बंद हैं।
प्रशासन ने विरोध प्रदर्शन की तीव्रता को देखते हुए रावलपिंडी और आसपास के इलाकों में धारा 144 लागू कर दी है। सरकार ने खैबर पख्तूनख्वा में राष्ट्रपति शासन लगाने की प्रक्रिया तेज कर दी है, जिससे देश में राजनीतिक अस्थिरता और गहरी होती दिख रही है।
सड़कों पर सुरक्षा कड़ी
अदियाला जेल जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर भी सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है। इमरान खान के बेटों ने प्रशासन से यह पूछने की मांग की है कि उनके पिता जिंदा हैं या नहीं और इस संबंध में स्पष्ट प्रमाण पेश करने को कहा है।
परिवार के आरोप
इमरान खान की बहन नूरीन ने जेल अधिकारियों के खिलाफ अदालत में अवमानना याचिका दाखिल की है। उन्होंने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को सबसे दमनकारी तानाशाह बताते हुए आरोप लगाया कि यदि उन्हें या उनकी पत्नी को किसी तरह का नुकसान होता है तो इसकी जिम्मेदारी सेना प्रमुख पर ही होगी।
लंबे समय तक अलग रखा गया
नूरीन ने भारतीय मीडिया को बताया कि इमरान खान को कई बार लगातार तीन तीन और चार चार सप्ताह तक अकेले रखा गया। पाकिस्तान के जेल नियमों के अनुसार किसी भी व्यक्ति को चार दिन से अधिक आइसोलेशन में नहीं रखा जा सकता, लेकिन इमरान के मामले में यह नियम बार बार तोड़ा गया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार सत्ता के अहंकार में फैसले ले रही है और विपक्षी नेताओं के साथ सख्ती बरत रही है।
