नीमच में टेक्सटाइल फैक्ट्री निर्माण के विरोध में प्रदर्शन हिंसक, 15 घायल, भीलवाड़ा की तरह नहीं होने देंगे जमीन बंजर

Update: 2025-11-06 12:29 GMT

 नीमच। जिले के मोरवन क्षेत्र में 350 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित  (सुविधा रेयॉन्स प्राइवेट लिमिटेड) टेक्सटाइल फैक्ट्री के खिलाफ ग्रामीणों के विरोध ने गुरुवार को हिंसक रूप ले लिया। सुबह सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं -फैक्ट्री हटाओ-बांध बचाओ- के नारे लगाते हुए शांतिपूर्ण मार्च कर रही थीं, लेकिन दोपहर तक प्रदर्शन ने हिंसक रूप धारण कर लिया।



 


प्रदर्शन में हिंसा और चोटें

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गुस्साई भीड़ ने कंपनी के इंजीनियर और कर्मचारियों पर पथराव किया। इस दौरान कंपनी के सिविल इंजीनियर विपिन मिश्रा को गंभीर सिर की चोटें आईं, जबकि कंपनी मैनेजर योगेंद्र सोलंकी के गले और शरीर पर चोटें आई हैं। लगभग 15 मजदूर भी घायल हुए हैं, जिन्हें जावद, सरवानिया और डीकेन के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

संपत्ति को नुकसान

प्रदर्शनकारियों ने मौके पर मौजूद कंपनी के वाहनों के शीशे तोड़ दिए और कई वाहनों में तोडफ़ोड़ की। देखते ही देखते फैक्ट्री परिसर और आसपास का इलाका तनावग्रस्त हो गया।

पुलिस और प्रशासन की चेतावनी

पुलिस ने हालात पर काबू पाने के लिए भारी बल तैनात किया। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और चेतावनी दी है कि कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

हमें नौकरी नहीं, पानी चाहिए




 


इस आंदोलन की अगुवाई किसान नेता पूरणमल अहीर और राजकुमार कर रहे थे. सरकार को स्पष्ट चेतावनी देते हुए राजकुमार अहीर ने कहा कि "अगर मोरवन बांध का आधा पानी फैक्ट्री को दिया गया, तो जावद और आस-पास के गांवों की प्यास बुझाना असंभव हो जाएगा. वहीं, किसान नेता पूरणमल अहीर ने कहा, "हमें नौकरी नहीं चाहिए, हम खेती कर लेंगे, लेकिन अपनी जमीन और पानी किसी कीमत पर नहीं देंगे. फैक्ट्री का निर्माण भीलवाड़ा की तरह उनके क्षेत्र की जमीन को बंजर बना देगा, जो वे होने नहीं देंगे."

टेक्सटाइल मिल से नहीं होगा पानी प्रदूषित



 


एडीएमबी. एस. कनेश ने मीडिया से बातचीत में बताया कि "सोमवार को जो ज्ञापन दिया गया है उसमें कहा गया है कि मोरवन में बनने वाली टेक्सटाइल फैक्ट्री में मोरवन डैम का पानी उपयोग किया जाएगा, साथ ही पानी प्रदूषित भी होगा. जो मोरवन डैम का पानी पीने और कृषि में उपयोग किया जा रहा है, उसका इंडस्ट्रीज में उपयोग होगा. इसलिए मोरवन में फैक्ट्री का निर्माण नहीं करना चाहिए. अभी हमने ज्ञापन ले लिया है, लेकिन टेक्सटाइल मिल से कोई पानी प्रदूषित नहीं होगा और बड़ी मात्रा में पानी का दोहन भी नहीं होगा. इस तरह का अगर कोई भ्रम है तो उससे दूर रहें."

Similar News