बस अग्निकांड: मृतकों की संख्या 21 हुई, चित्तौड़परिवहन अधिकारी शीत 2 निलंबित

Update: 2025-10-15 12:24 GMT

 

चितौड़गढ़/जैसलमेर: मंगलवार को जैसलमेर से जोधपुर जा रही प्राइवेट AC स्लीपर बस में भयानक अग्निकांड में बुधवार को 10 साल के झुलसे बालक यूनुस की मौत हो जाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 21 हो गई। हादसे के बाद सरकार ने बस की सुरक्षा और प्रमाणन में चूक के आरोप में चित्तौड़गढ़ परिवहन विभाग के कार्यवाहक डीटीओ सुरेंद्र सिंह और सहायक प्रशासनिक अधिकारी चुन्नी लाल को निलंबित कर दिया।


मालिक ने बिना अनुमति बस को एसी में मोडिफाई किया था

 प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बस का पंजीयन चित्तौड़गढ़ में नान एसी श्रेणी में हुआ था, लेकिन मालिक ने बिना अनुमति इसे एसी में बदलवा (मोडिफाई) लिया था।


चित्तौड़गढ़  से लोकेश शर्मा के अनुसार परिवहन विभाग से जब जानकारी निकाली गई तो यह बात सामने आई की उक्त बस मालिक ने मई महीने में उक्त बस खरीदी थी और सितंबर महीने में इसकी बॉडी बन कर आई थी और 1 अक्टूबर को इसका रजिस्ट्रेशन कराया गया था रजिस्ट्रेशन नॉन एसी बस के रूप में हुआ था जिसका दाखिला आरसी और परमिट दोनों में है रजिस्ट्रेशन होने के बाद उक्त वाहन मालिक ने 10 दिन तक उक्त बस को सड़क पर नहीं चलाया पिछले 5 दिनों से उक्त बस जैसलमेर और जोधपुर के बीच चल रही है रजिस्ट्रेशन होने के 10 दिन के अंदर उक्त वाहन मालिक ने इस बस में क्या परिवर्तन कराया यह किसी को मालूम नहीं था दुर्घटना के बाद पता चला कि उक्त बस में ऐसी लगा हुआ है जबकि चित्तौड़गढ़ परिवहन विभाग से जब यह बस पास हुई थी तब उक्त बस में ऐसी नहीं था और यह बस नॉन एक ही पास हुई थी लेकिन बस मालिक ने अपने अपने हिसाब से अपना फायदा देखने के लिए उक्त बस में छेड़छाड़ करते हुए परिवर्तन किया यह बस जोधपुर से जैसलमेर के बीच चल रही थी इस रोड पर जांच करने वाले परिवहन विभाग के अधिकारियों ने इन 5 दिनों के अंदर एक भी बार इस बस को चेक नहीं किया हादसा होने के बाद जिस मार्ग पर यह बस चल रही थी उसे मार्ग पर तैनात परिवहन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों को इस घटना के लिए जिम्मेदार नहीं मानते हुए प्रशासन ने राजनीतिक दबाव के चलते चित्तौड़गढ़ के कार्यवाहक जिला परिवहन अधिकारी सुरेंद्र सिंह एवं बाबू चुन्नीलाल को सस्पेंड कर दिया

 नई बस में हुए इस बड़े हादसे ने निर्माण गुणवत्ता और तकनीकी निरीक्षण प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।निलंबन पर भी सवाल उठने लगे हे।


मंगलवार देर रात पत्रकार राजेंद्र चौहान के भाई ने बस मालिक और ड्राइवर के खिलाफ जैसलमेर के सदर थाने में FIR दर्ज कराई थी। हादसे में झुलसे चार मरीज महात्मा गांधी हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर हैं।

बस में आग मंगलवार दोपहर 3.30 बजे लगी थी। 20 लोगों की मौत वहीं बस के अंदर या जोधपुर हॉस्पिटल में हुई थी। शव निकालने के लिए सेना की मदद ली गई और कई शव बस के अलग-अलग हिस्सों में मिले, जिन्हें लाल थैलियों में रखा गया। मृतकों की पहचान के लिए जोधपुर और जैसलमेर के हॉस्पिटल में डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं। हॉस्पिटल अधीक्षक ने कहा कि पहचान में 24 घंटे तक का समय लग सकता है।

बस में पटाखे और आग लगने के संभावित कारण

अग्निकांड के कारणों को लेकर विवाद जारी है। शुरुआत में शॉर्ट सर्किट और एसी कम्प्रेशर फटने की बात सामने आई। वहीं, स्थानीय लोगों का दावा है कि बस की डिग्गी पटाखों से भरी थी, जिससे आग भड़क गई।

पीएम राहत कोष से मदद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर मृतकों के परिवार को 2 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए आर्थिक सहायता की घोषणा की है।


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