दीपावली पर उल्लास,: भीलवाड़ा में 21 अक्टूबर को मनेगी दिवाली, लेकिन आज भी की जाएगी पूजा

Update: 2025-10-20 03:47 GMT

 भीलवाड़ा हलचल ,कार्तिक अमावस्या पर आज  कई का भीलवाड़ा  सहित राजस्थान  में  कई जिलों में दीपावली का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा हे जबकि भीलवाड़ा में २१ अक्टूबर को मनाने की घोषणा की गई हे । आज हस्त नक्षत्र, वैधृति योग के साथ कलात्मक योग, बुद्धादित्य योग और हंस महापुरुष राजयोग का संयोग  बना  है। सोमवार को  पूरे दिन लोग अपने घर, ऑफिस, कारखानों में माता महालक्ष्मी की पूजा-अर्चना कर धन, वैभव, ऐश्वर्य की कामना करेंगे।दिवाली के दिन शुभ-लाभ के लिए गणेश-लक्ष्मी के साथ कोश वृद्धि के लिए कुबेर और सरस्वती, पंचदेव, नवग्रह सहित गणेश-अम्बिका की भी पूजा होगी।


पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर यानी आज दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 21 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 55 मिनट पर होगा.

दिवाली की पूजा के लिए 2 खास मुहूर्त 

 

आज दिवाली की पूजा के लिए 2 खास मुहूर्त प्राप्त होंगे. जिसमें पहला मुहूर्त प्रदोष काल है, इस दिन प्रदोष काल की शुरुआत शाम 5 बजकर 46 मिनट से होगी और इसका समापन रात 8 बजकर 18 मिनट पर होगा. इसके अलावा, स्थिर लग्न का वृषभ काल में भी मां लक्ष्मी के पूजन का अच्छा मुहूर्त माना जाता है जो कि शाम 7 बजकर 8 मिनट से शुरू होकर रात 9 बजकर 3 मिनट पर समाप्त होगा.

इन दोनों मुहूर्तों के अलावा, मां लक्ष्मी की पूजा का खास मुहूर्त शाम 7 बजकर 08 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगा, जिसकी अवधि 1 घंटे 11 मिनट की रहेगी. इसके अलावा, इस दिन महानिशीथ काल मध्यरात्रि 11 बजकर 41 मिनट से शुरू होकर अर्धरात्रि 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा.

व्यापारियों के लिए लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

20 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 45 मिनट से 7 बजकर 30 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा. इस दौरान लक्ष्मी पूजन करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है.

कार्तिक अमावस्या तिथि सुबह 3 बजकर 44 मिनट से प्रारंभ होगी, और इसी दिन लक्ष्मी पूजन का श्रेष्ठ समय बन रहा है.

इस अवधि में तीन अत्यंत शुभ चौघड़िया मुहूर्त — लाभ, अमृत और चर चौघड़िया — भी बनेंगे जो शाम 6:30 बजे तक रहेंगे. व्यापारी वर्ग के लिए यह समय नया खाता खोलने, बही-खाता पूजन और धन संबंधित कार्यों के लिए बहुत उत्तम रहेगा.

गृहस्थों के लिए पूजन का सही समय

घर में रहने वाले लोगों के लिए भी प्रदोष काल में पूजा करना सबसे शुभ माना गया है.

यह मुहूर्त शाम 5:45 से 7:30 बजे तक रहेगा. इसके अलावा, निशिता काल मुहूर्त भी बहुत शुभ है जो रात 11:41 से 12:31 (21 अक्टूबर की मध्यरात्रि तक) रहेगा.

इस दौरान वृषभ लग्न रहेगा, जिसे ज्योतिष में स्थिर लग्न कहा जाता है. इस समय पूजा करने से धन और सुख की स्थिरता बनी रहती है.

दिवाली 2025 शुभ योग 

दिवाली आज कई सारे शुभ योगों के बीच मनाई जाएगी. जिसमें हंस महापुरुष राजयोग का निर्माण हो रहा है क्योंकि इस दिन देवगुरु बृहस्पति अपनी उच्च राशि कर्क राशि में विराजमान होंगे. इसके अलावा, शनि मीन राशि में वक्री रहेंगे. साथ ही, शुक्र चंद्रमा की शुभ स्थिति से इस दिन वैभव लक्ष्मी राजयोग का निर्माण हो रहा है. वहीं, दिवाली के दिन तुला राशि में सूर्य-बुध की युति से बुधादित्य राजयोग का निर्माण होगा.

दिवाली पर पूजन सामग्री 

पूजन से पहले घर में रोली, कुमकुम, दीपक, पुष्प, धूप-बत्ती और मिठाई आदि की व्यवस्था । मान्यता है कि **लक्ष्मी माता धन-संपदा देती हैं औरगणेशजी विघ्नों को दूर कर सिद्धि प्रदान करते हैं।  ।



लक्ष्मी से धन तो गणेश से मिलेगी सिद्धि

  कार्तिक अमावस्या पर ग्रह-नक्षत्रों का पड़ने वाला यह शुभ योग सुख-समृद्धि लाने वाला है। दीपावली के दिन महालक्ष्मी के साथ गणेश पूजन का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है।माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन-संपदा प्रदान करें तथा उस धन को प्राप्त करने में हमें कोई भी कठिनाई या विघ्न ना आए, हमें आयुष्य प्राप्त हो, सभी कामनाओं की पूर्ति हो तथा सभी सिद्धियां भी प्राप्त हों। इसी लिए लक्ष्मी के साथ गणेश की पूजा होती है।

मिट्टी के दीपक जलाने से पराक्रम में वृद्धि




 

 दिए में जल तत्व का मिश्रण कर आकाश के नीचे वायु तत्व में इसे सुखाकर अग्नि तत्व में पकाया जाता है। मिट्टी के दीपक जलाने से शौर्य व पराक्रम में वृद्धि तथा पारिवारिक सुख व समृद्धि में वृद्धि होती है।दिवाली पर लोग अपने घरों को दीपों, झालरों और रंगोली से सजाएंगे। बाजारों में खरीदारी और रौनक का आलम है। शहरवासियों में उत्साह और हर्षोल्लास का माहौल बना हुआ है।

फायर ब्रिगेड की  गाड़ियां तैनात

दीपावली को लेकर तमाम तैयारियां भी की गईं हैं। अक्सर देखा जाता है दीप और पटाखे से हादसे हो जाते हैं। इसके लिए पुलिस-प्रशासन हॉस्पिटल्स और फायर ब्रिगेड की टीमें भी तैनात रहेंगी।  भीलवाड़ा दमकल  के साथ ही   निजी   फायर   इकाइयों को पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रहने का निर्देश दिया गया है। साथ ही फायर टेंडरो और उपकरणों की तकनीकी जांच की गई है।2 गाड़ियां संवेदनशील और भीड़ भाड़ वाली जगहों पर काम करेगी।

अग्निशमन विभाग के सभी कर्मियों को सजग और सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। सूचना के लिए कंट्रोल रूम में 24× 7 अग्निशमन विभाग के कर्मी काम कर रहे हैं। इसके लिए निगम , मानसरोवर दमकल केंद्र ,  कंट्रोल रूम   इलाकों में फायर यूनिट को तैनात रखा गया है।

अस्पताल अलर्ट मोड पर 


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इमरजेंसी में शहर के कई अस्पतालों में प्राथमिकी उपचार और इमरजेंसी हालात में बेहतर सुविधा के लिए अस्पताल को अलर्ट मोड पर रखा गया है।चिकित्साय  अधीक्षक  डॉ अरूण  गोड ने बताया की आकस्मिक परिस्थितियों में मरीजों के लिए   स्टाफ २४ घंटे मौजूद रहने के साथ ही बेड की सुविधा तैयार रखने के निर्देश दिए हे है। जिसमें एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

आरती श्री लक्ष्मी जी

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ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

 

दिवाली के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

माना जाता है कि दिवाली के दिन घर के अंदर या बाहर गंदगी फैलाना अशुभ होता है. कहा जाता है कि जहां गंदगी और कचरा होता है, वहां दरिद्रता वास करती है.

दिवाली के दिन शाम के समय झाड़ू नहीं लगाना चाहिए. माना जाता है कि शाम के समय माता लक्ष्मी घरों में प्रवेश करती हैं.

दिवाली के दिन किसी से झगड़ा नहीं करना चाहिए और न ही गुस्सा करना या अपशब्द बोलना चाहिए. ऐसा करना उचित नहीं माना जाता है.

दिवाली के दिन कभी भी अधूरी रंगोली नहीं बनानी चाहिए. इसे शुभ नहीं माना जाता है.




 

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