झालावाड़ हादसे से खुली: भीलवाड़ा के स्कूलों की सच्चाई: विधायक कोठारी ने जर्जर भवनों पर जताई गहरी चिंता
# भीलवाड़ा में जर्जर स्कूल व् सरकारी भवन बने खतरे की घंटी
# विधायक कोठारी ने चेताया ,लिखा पत्र भीलवाड़ा के भवनों पर टूटी भरोसे की छत
#बेखबर जिम्मेदार; क्या किसी बड़े हादसे का है इंतजार?
भीलवाड़ा( हलचल) प्रदेश के झालावाड़ में स्कूल की छत गिरने से हुए दर्दनाक हादसे ने भीलवाड़ा के सरकारी स्कूलों की स्थिति को उजागर करके रख दिया है। सरकार भले ही जर्जर स्कूल भवनों को लेकर अब संवेदनशीलता दिखाने के दावे कर रही हो, लेकिन जिले के हालात इन दावों की सच्चाई को उजागर कर रहे हैं। यहां के कई स्कूल भवन बेहद जर्जर हालत में हैं, जिनमें बच्चों की पढ़ाई किसी खतरे से कम नहीं है। स्कुल ही नहीं कई सरकारी भवन भी जर्जर हालत में हे .विधायक अशोक कोठारी भी आज एक पत्र लिख कर जिले के आलाधिकारियों को ऐसे भवनों को लेकर चेताया हे ,
सूत्रों की माने तो शिक्षा वहीभाग को इस संबंध कई स्कूलों की और पत्र आये हुए बस्तो में बंद हे जिनमे स्कूलों की खस्ता हालत बया करते हुए रंग रोगन मरम्मत और कुछ तो दूसरी इमारत में शीशपत तक करने की मांग की हुई हे . विद्यालय के .भवन लंबे समय से जर्जर अवस्था में है। कई कमरों की दीवारों में दरारें हैं, छतें कमजोर हो चुकी हैं और किसी भी वक्त गिर सकती हैं। इसके बावजूद प्रशासन और शिक्षा विभाग की ओर से न कोई मरम्मत करवाई गई है और न ही भवन को उपयोग से बाहर घोषित किया गया है। स्थानीय लोग लगातार इस ओर ध्यान दिला रहे हैं लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
स्कूलों की बदहाल स्थिति की बात करें तोभीलवाड़ा जिले के बहुत से ऐसे सरकारी स्कूल हैं, जिनमें जर्जर भवन की वजह से हादसे की आशंका से स्कूली बच्चे और अध्यापक भय के महौल में पढ़ने और पढ़ाने को मजबूर हैं. कई राजकीय विद्यालय, जिसकी छत और दीवारें इतनी कमजोर हो चुकी हैं कि वे किसी भी वक्त गिर सकती हैं. कक्षाओं की दीवारों पर दरारें आ चुकी हैं. प्लास्टर उखड़ने लगे हैं. बारिश के मौसम में स्थिति और भी भयावह हो जाती है.
गौरतलब है कि सरकार ने स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है लेकिन जालौर जैसे इलाकों के स्कूलों में मरम्मत का यह पैसा पहुंचने और इन जर्जर स्कूलों के हालात सुधरने में अभी काफी समय है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकार को किसी और बड़े हादसे का इंतजार है?.
कुछ स्कूल प्रबंधन का कहना था कि स्कूल बिल्डिंग और कक्षाओं कि स्थिति के बारे में समसा (समग्र शिक्षा अभियान) और शिक्षा विभाग को पहले ही अवगत करवाया जा चुका है. कुछ का कहना था कि प्रपोजल भेज दिया या शीघ्र ही भेजेंगे. राज्य सरकार भले ही स्कूली शिक्षा सुधारने और भरपूर सुविधाएं के दावे कर रही हो, लेकिन इन दावों की पोल झालावाड़ के सरकारी स्कूल में हुए दर्दनाक हादसे ने खोल कर रख दी है. इस दुखद हादसे में ८ बच्चों की मौत हो गई है, जबकि घायल हैं
विधायक अशोक कोठारी ने भी आज एक पत्र कलेक्टर को लिख कर जिले के स्कुल ,आगनबाड़ी ,अस्पताल , जैसे भवनों को लेकर चेताया हे , पत्र में कहा गया हे की ऐसे भवनों की मरम्मत कराये या फिर पुनर्निर्माण कराये
,उन्होंने बताया हे की ४०० करोड़ का dmft फंड में से ७० फीसदी राशि ऐसे ही कार्यो पर खर्च करने का प्रवधान हे .कोठारी के अलावा सोशल मीडिया पर इस तरह का अभियान कई लोगो ने झालावाड़ हादसे के बाद खुली भीलवाड़ा के स्कूलों की सच्चाई: विधायक कोठारी ने जर्जर भवनों पर जताई गहरी चिंता चलाया हे .
