भीलवाड़ा के साथ ही पूरे प्रदेश में hiv डीबीएस किट की कमी से बाधित हो रही नवजात शिशुओं की ईआईडी सेवाएं,
भीलवाड़ा (राजकुमार माली)। भीलवाड़ा के सरकारी अस्पताल सहित प्रदेश के कई जिलों में डीबीएस (ड्राई ब्लड स्पॉट) किट की भारी कमी के कारण प्रारंभिक शिशु निदान (ईआईडी) सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि पिछले 15 दिनों में एड्स संक्रमित माताओं से जन्मे दर्जनभर नवजात शिशुओं की जांच तक नहीं हो पाई है।
स्वास्थ्य सुरक्षा पर खतरा मंडराया
डीबीएस किट की अनुपलब्धता से नवजात शिशुओं के नमूने समय पर नहीं लिए जा पा रहे, जिससे एचआईवी पॉजिटिव माताओं से जन्मे बच्चों के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। बीते 10 दिनों में भीलवाड़ा जिले में आधा दर्जन से अधिक महिलाओं के नवजात शिशुओं की डीबीएस जांच लंबित है। मातृ शिशु केंद्र में स्थिति और भी चिंताजनक बताई जा रही है।
भीलवाड़ा में परियोजना से जुड़े अधिकारी हरलाल मीणा ने बताया कि इस समस्या की जानकारी प्रदेश मुख्यालय को डेढ़ माह पहले ही भेजी जा चुकी थी, लेकिन अब तक किट की आपूर्ति नहीं हो सकी है। सूत्रों का कहना हे कि स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है और तत्काल आपूर्ति नहीं हुई तो संक्रमण नियंत्रण की स्थिति बिगड़ सकती है।
जल्द किट उपलब्ध कराने केप्रयास
इस संबंध में जब जयपुर कार्यालय की डॉक्टर शेफाली से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी ली जा रही है और शीघ्र ही किट की आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएंगे।
राज्य परियोजना प्रबंधक ने जताई चिंता, दिए त्वरित कार्रवाई के निर्देश
इस संबंध में राज्य परियोजना प्रबंधक सुतिर्था दत्ता ने जिलों को पत्र जारी कर जिला स्तर पर तत्काल हस्तक्षेप करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि आवश्यक ईआईडी सेवाओं की निरंतरता बनाए रखना अत्यंत जरूरी है। साथ ही नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए डीबीएस किटों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
प्रदेशभर में बिगड़ी स्थिति, लोगों में नाराजगी
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार, प्रदेश के अधिकांश जिलों में एचआईवी पॉजिटिव महिलाओं के नवजात शिशुओं की जन्म के बाद होने वाली जांच के लिए आवश्यक डीबीएस किट उपलब्ध नहीं हैं। इसे लेकर लाभार्थी और स्वास्थ्यकर्मी दोनों ही चिंतित और नाराज हैं।
भीलवाड़ा जिले में वर्तमान में 3269 एक्टिव एचआईवी संक्रमित महिला और पुरुष पंजीकृत हैं। इन्हीं में से एक मांडलगढ़ क्षेत्र की एचआईवी पॉजिटिव महिला ने हाल ही में दो नवजात बच्चों को जन्म दिया, लेकिन डीबीएस किट न होने के कारण दोनों की जांच अब तक नहीं हो पाई है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, समय पर किट उपलब्ध नहीं होने से जांच प्रक्रिया में विलंब हो रहा है, जिससे मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गति प्रभावित हो रही है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जल्द आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन दिया है।
