टोल प्लाजा में गड़बड़ी की शिकायतों पर सरकार सख्त, NHAI खुद करेगा निगरानी, AI की ली जाएगी मदद

Update: 2025-02-13 17:43 GMT

नई दिल्ली। कई राज्यों में टोल प्लाजा पर अवैध सॉफ्टवेयर के जरिये धोखाधड़ी का बड़ा नेटवर्क सामने आने के बाद केंद्र सरकार टोल आपरेटरों की निगरानी के लिए अपने स्तर पर आडिट कैमरे लगाने पर विचार कर रही है। ये कैमरे मुख्य रूप से उन टोल प्लाजा पर लगाए जाने का विचार है, जहां बड़ी संख्या में गाडि़यों का आवागमन होता है।

इसके साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण टोल वसूली की सही गणना तथा प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों के वर्गीकरण के लिए आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस का भी इस्तेमाल करेगा। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने टोल प्लाजा में गैर फास्टैग वाहनों से नकद टोल वसूली में धोखाधड़ी का खेल पकड़ा था। वाराणसी के एक टोल प्लाजा (अतरैला शिव गुलाम) में पकड़ी गई धांधली के तार कई राज्यों तक फैले मिले।

अवैध सॉफ्टवेयर के जरिए वसूला जा रहा था दोगुना टैक्स

इस धांधली के तहत अवैध सॉफ्टवेयर के जरिये वाहन चालकों से दोगुना टोल वसूला जा रहा था, लेकिन यह पैसा आपरेटर की नियमित वसूली से अलग था। अनुमान है कि टोलकर्मियों की मिलीभगत से हो रही यह वसूली एनएचएआइ को रोजाना दो करोड़ रुपये तक का नुकसान पहुंचा रही थी।

14 राज्यों में 42 टोल प्लाजा में यह गड़बड़ी

दावा है कि 14 राज्यों में 42 टोल प्लाजा में यह गड़बड़ी की गई। हालांकि एनएचएआइ ने इससे इन्कार किया है। गुरुवार को लोकसभा में इससे जुड़े एक सवाल पर मंत्रालय ने जवाब दिया है कि फास्टैग से होने वाले 98 प्रतिशत ट्रांजेक्शन में गड़बड़ी की कोई सूचना नहीं मिली है, लेकिन अतरैला शिव गुलाम टोल प्लाजा में पूरी तरह कैश के जरिये वसूली हो रही थी।

गैर फास्टैग वाहनों से नकद संग्रह की प्रक्रिया होगी मजबूत

इसका एक हिस्सा अवैध हैंडहेल्ड मशीन के माध्यम से अवैध रूप से वसूला जा रहा था यानी टोल प्रबंधन सिस्टम के सॉफ्टवेयर से अधिक। मंत्रालय ने कहा है कि इस घटना से सबक लेते हुए एनएचएआई गैर फास्टैग वाहनों से नकद संग्रह की प्रक्रिया को और मजबूत करने के लिए काम कर रहा है।

इसके लिए अतिरिक्त निगरानी के उपाय किए जा रहे हैं। टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों की सही-सही संख्या की गणना की जाएगी और इसका फिर टोल प्लाजा की रसीद से मिलान किया जाएगा। मंत्रालय ने फास्टैग और आटमैटिक नंबर प्लेट पहचान आधारित बैरियर मुक्त प्रणाली के लिए निविदाएं भी आमंत्रित की हैं।

पांच स्थानों पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का प्रस्ताव

अर्बन एक्सटेंशन रोड-2, द्वारका एक्सप्रेस समेत पांच स्थानों पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का प्रस्ताव है। इस सिस्टम के तहत सारा टोल संग्रह फास्टैग से ही लिया जाएगा और गैरफास्टैग वाहनों से टोल संग्रह के लिए ई नोटिस जारी किए जाएंगे।

इससे सभी टोल प्लाजा में नकद वसूली पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। मंत्रालय ने कहा है कि धोखाधड़ी वाली वसूली की कुछ शिकायतें मिली हैं। इनकी जांच की जा रही है और गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

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