जयपुर। जैसलमेर में निजी एसी स्लीपर बस में लगी आग में **22 लोगों की मौत** के बाद राजस्थान सरकार ने मोडिफाइड बसों पर सख्त रुख अपनाया है। अब **नए आदेशों के तहत इन बसों का निर्माण और संचालन प्रतिबंधित** किया जा सकता है।
परिवहन विभाग ने तेज़ किया अभियान
मुख्यमंत्री **भजनलाल शर्मा** के निर्देश पर परिवहन विभाग ने दो दिन में पूरे राज्य में **निजी एसी बसों की जांच** शुरू कर दी। अब तक **दो हजार बसों की जांच** की जा चुकी है।
* नियमों का उल्लंघन करने पर **200 बसें जब्त**,
* और **300 से अधिक बसों का चालान** किया गया।
राज्य में कुल **3,200 मोडिफाइड बसें** संचालित हो रही थीं।
आपातकालीन दरवाजों में भारी लापरवाही
जांच में सामने आया कि अधिकांश बसों में **आपातकालीन दरवाजों को बंद कर दिया गया** था। दरवाजों के पास यात्रियों के लिए सीटें लगाई गई थीं, जिससे कोई भी **आपात स्थिति में बाहर निकलने के लिए सिर्फ एक दरवाजा बचा**।
आपातकालीन दरवाजों से छेड़छाड़ उजागर
राज्य परिवहन विभाग के संयुक्त आयुक्त ओपी बुनकर के नेतृत्व में चल रही जांच में सामने आया कि अधिकांश निजी एसी बसों में आपातकालीन दरवाजों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया। दरवाजों के निकट यात्रियों के बैठने के लिए सीट बना दी गई। ऐसे में किसी आपात स्थिति में यात्रियों के निकलने के लिए मात्र एक ही दरवाजा रह गया। हादसे की जांच को लेकर राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी दो दिन से जैसलमेर में है। वहीं सेंट्रल इंस्टीट्यूट आफ रोड़ ट्रांसपोर्ट की टीम भी शुक्रवार को जैसलमेर पहुंची।
