मनरेगा में फर्जीवाड़े पर नकेल: केंद्र ने लागू की सख्त जियो-फेंसिंग व्यवस्था, भीलवाड़ा में फर्जीवाड़े का पुराना खेल

Update: 2025-08-31 06:40 GMT


भीलवाड़ा: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना में फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाया है। भीलवाड़ा जिले में फर्जी भुगतान की शिकायतों के बाद अब जियो-फेंसिंग आधारित नई व्यवस्था लागू की गई है, जो कार्यस्थल की पूरी  चौकड़ी को जियो-टैग करने का प्रावधान करती है। यह कदम धांधली करने वालों की राह मुश्किल कर देगा।

फर्जीवाड़े का पुराना खेल

भीलवाड़ा में मनरेगा योजनाओं में लंबे समय से गड़बड़ियां सामने आ रही थीं। गैर-मौजूद व्यक्तियों, स्कूली बच्चों और बाहर काम करने वालों को कामगार बताकर फर्जी भुगतान किए जा रहे थे। पहले लागू जियो-टैगिंग व्यवस्था के बावजूद घोटालेबाज एक कोने की तस्वीर लेकर लॉन्गिट्यूड-लैटिट्यूड दर्ज कर पुरानी योजनाओं की राशि हड़प लेते थे। इस तरह की धांधली को छिपाना आसान था, क्योंकि पूरी योजना की जानकारी सामने नहीं आती थी।

नई जियो-फेंसिंग व्यवस्था

केंद्र सरकार ने अब मनरेगा कार्यस्थल की जियो-फेंसिंग अनिवार्य कर दी है। इस व्यवस्था में कार्यस्थल की पूरी परिधि को जियो-टैग करना होगा, जिससे योजना की सटीक स्थिति और प्रगति का पता लगाया जा सकेगा। जियो-फेंसिंग एक भौगोलिक क्षेत्र को परिभाषित करती है, जिससे गतिविधियों और लेन-देन को विशिष्ट क्षेत्र तक सीमित किया जाता है। भीलवाड़ा सहित सभी इलाकों में इसे शीघ्र लागू करने के निर्देश जारी हो चुके हैं।

ग्रामीण सड़कों पर भी नजर

ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण जैसी मनरेगा योजनाओं में भी फर्जीवाड़ा आम रहा है। नई व्यवस्था से ऐसी गड़बड़ियों पर अंकुश लगेगा, क्योंकि कार्यस्थल की पूरी जानकारी पारदर्शी रूप से दर्ज होगी। यह कदम मनरेगा में भ्रष्टाचार को रोकने और वास्तविक हकदारों तक लाभ पहुंचाने में कारगर साबित होगा

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