गणपति बाप्पा मोरिया...मंगलमूर्ति मोरिया...: भक्तों ने झूमते, नाचते हुए किया गणपति बप्पा का स्वागत, शुरू हुआ दस दिवसीय महोत्सव

Update: 2024-09-07 16:10 GMT





 


 


 


भीलवाड़ा। विघ्नहर्ता गणपति बप्पा के स्वागत के लिए शनिवार को वस्त्रनगरी आतुर नजर आई। ढोल नगाड़ों के साथ भक्तों ने झूमते नाचते हुए भगवान श्री गणेश की प्रतिमाओं की स्थापना की। गणेश चतुर्थी को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। सुबह से लेकर शाम तक गली मोहल्ले में अलग-अलग शुभ मुहूर्त में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना के साथ ही 10 दिवसीय गणेश उत्सव का आगाज हुआ।




 शहर के गांधीनगर स्थित गणेश मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ रही इधर, घरों से लेकर शहर के विभिन्न स्थानों पर गली मोहल्लों के पंडालों में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापना की गई। भक्त ढोल नगाड़ों के साथ नाचते गाते हुए गणेश प्रतिमा लेकर आए हैं। शहर में मुख्य रूप से गांधीनगर गणेश मंदिर, रोडवेज बस स्टैंड गणेश मंदिर, संजय कॉलोनी में रोकडिय़ा गणेश मंदिर, काशीपुरी में खाटू श्याम के पास गणेश मंदिर में भगवान का भव्य श्रृंगार करने के बाद आरती कर प्रसाद वितरण किया गया। 




पंडालों में विधिवत रूप से पूजा अर्चना करके मूर्ति स्थापना की है। आगामी 10 दिनों तक प्रतिदिन सुबह शाम को पूजा अर्चना सहित कई कार्यक्रम आयोजित होंगे। लोगों ने बताया कि गणेश उत्सव को लेकर हम सब में भारी उत्साह है। ढोल नगाड़ों के साथ गणपति बप्पा की मूर्ति को लेकर आए हैं और शुभ मुहूर्त में स्थापना की है। पंडित भगवात शर्मा ने बताया कि भादवा शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी के दिन शनिवार को विभिन्न गली मोहल्लों में बप्पा की स्थापना की गई है और अनंत चतुर्दशी के दिन प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।


गांधीनगर स्थित गणेश मंदिर चौक में मेले का आयोजन हुआ। शनिवार को गणेश चतुर्थी के मुख्य दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े। श्रद्धालुओं ने आज गणेश जी के हाजरी लगाई और मनौतियां मांगी और मंदिर भवगान श्रीगणेश के जयकारों से गूंज उठे। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए उनकी सुविधा के लिए पुलिस प्रशासन ने भी खास इंतजाम किए। यहां शाम 4 बजे से वनवे ट्राफिक व्यवस्था की गई।


वहीं गणेश मंदिर के पूजारी ने बताया कि आज गणेश जन्मोत्सव के उपलक्ष में मंदिर में कई आयोजन किए गए। सुबह गणेश जी को पंचामृत स्नान करवाया गया, अभिषेक और आरती की गई, उसके बाद फिर गणेश जी का अभिषेक कर आरती की गई, इसके बाद भगवान के जन्मोत्सव का विशेष श्रृंगार शुरू किया गया। गणेश जी का विशेष श्रृंगार कर नवीन वस्त्र, सोने-चांदी के वर्क एवं विशेष मुकुट छत्र अर्पित किया गया। इसके बाद आरती कर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।




सांस्कृतिक और मनोरंजन के कार्यक्रम आयोेजित होंगे

गणेश उत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी बड़े धूमधाम से किया जाता है। भजन संध्या, नृत्य, संगीत, और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां पंडालों में आयोजित की जाती हैं। ये कार्यक्रम श्रद्धालुओं को न केवल धार्मिक अनुभव प्रदान करते हैं बल्कि मनोरंजन का भी भरपूर साधन बनते हैं। अनंत चतुर्दशी को विशाल जुलूस के साथ मूर्तियों का विसर्जन होगा।

घरों में गणपति की स्थापना

पंडालों के अलावा घरों में भी गणेश उत्सव की धूम शुरू हो गई। श्रद्धालु घरों को गणपति के स्वागत के लिए विशेष रूप से सजाये। रंग-बिरंगे फूल, विद्युत सजावट और अन्य आकर्षक सजावट सामग्री से घरों को सजाया गया है। गणपति की मूर्तियां विभिन्न आकारों और रूपों में घरों में स्थापित कर पूजा अर्चना के बाद पारंपरिक मिठाई, लड्डू आदि का भोग लगाया ।

Similar News