मंगलवार से भीलवाड़ा सहित प्रदेश के बंद होंगे पांच हजार भट्टे,: मंहगी होगी ईंट,हजारो मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट

भीलवाड़ा हलचल राजस्थान स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड आरपीसीबी के आदेश के चलते भीलवाड़ा के साथ ही प्रदेश में मंगलवार यानी 1 जुलाई से ईंट-भट्टे बंद हो जाएंगे। इसके बाद जो भी ईंट-भट्टा चलता मिलेगा, उसके खिलाफ राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल कार्यवाही करते हुए अर्थ धनद लगाएगा .। भीलवाड़ा जिले में 250 से ज्यादा और प्रदेश में करीब 5 हजार ईंट-भट्टे संचालित हैं। छह माह बाद एक जनवरी को ये फिर चल सकेंगे ,ऐसे में ईंटो की रेट में इजाफा होने के साथ ही हजारो मजदूरों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा

भीलवाड़ा जिले में मांडल क्षेत्र में सबसे ज्यादा ईंट-भट्टे संचालित है। स्थानीय लोगों के साथ ही इन भट्टों पर उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश तथा बिहार समेत अन्य राज्यों से हजारों श्रमिक काम करते है। नए नियम से श्रमिकों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है और इनमे खलबली मची है .एक भट्टा संचालक कहना है कि 6 माह तक काम बंद रहने से बड़ा नुुुुुकसान तो होगा ही भट्टे की देखे रखे में भी दिक्कतें आएगी मशीनरी भी खराब होगी . उन्होंने कहा कि ऐसे में मकान निर्मणा की लागत बढ़ जाएगी। ईंटो की कीमतों में उछाल आएगा ।

प्रदूषण नियंत्रण मंडल भीलवाड़ा
एनजीटी ने 24 जनवरी 2024 को बड़े समूहों में चल रहे ईंट-भट्टों को नियंत्रित करने का आदेश दिया था। इसके बाद ईंट-भट्टा संघों ने खुद प्रदूषण नियंत्रण के लिए फायरिंग अवधि सीमित करने का प्रस्ताव रखा। 22 जनवरी 2025 को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आदेश जारी कर 30 जून के बाद भट्टे नहीं चलाने के आदेश दिए। इसके तहत पूरे प्रदेश में नियम लागू होगा। यानी 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक भट्टों की फायरिंग पूरी तरह बंद रहेगी।राजस्थान स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड आरपीसीबी ने भी आदेश जारी किया है प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आदेशों के अनुसार 30 जून के बाद ईट भट्टे बंद होंगे। पुन: संचालन 1 जनवरी से हो सकेगा। इस दौरान जिले में कोई भी ईट भट्टा संचालक इसका संचालन करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा ।