किश्तवाड़ में बादल फटने से भीषण तबाही, 50 शव बरामद.मौतों का आकेड़ा बढ़ने की आशंका , 120 से ज्यादा जख्मी,167 लोग को बचाए गए

किश्तवाड़ (जम्मू-कश्मीर)। जिले के पदर उपखंड के चिशोती गांव में गुरुवार सुबह मचैल माता यात्रा मार्ग पर भीषण बादल फटने से तबाही मच गई। अचानक आई बाढ़ में कई घर बह गए और भारी जनहानि की आशंका जताई जा रही है।: अब तक 50 से अधिक शव बरामद होने की पुष्टि हो चुकी है जबकि करीब 200 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। हादसे में सीआईएसएफ के दो जवान भी शहीद हुए हैं। घायल लोगों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज चल रहा है। लकड़ी का पुल और पीएमजीएसवाई पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। 120 के करीब लोग घायल हो गए हैं। बड़े पैमाने पर राहत और बचाव का काम जारी है।

यह आपदा मचैल माता मंदिर के रास्ते में गांव चसौती में दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच उस समय आई जब बड़ी संख्या में लोग मचैल माता यात्रा के लिए इकट्ठा हुए थे। वहाँ से मंदिर तक 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू होती है।

अधिकारियों ने बताया कि 50शव बरामद किए गए हैं और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। चसौती 9,500 फीट की ऊँचाई पर स्थित है और किश्तवाड़ से लगभग 90 किलोमीटर दूर है।किश्तवाड़ में आई बाढ़ पर पल-पल का अपडेट जानने के लिए जुड़े रहें।
डीडीसी चेयरपर्सन पूजा ठाकुर ने दी जानकारी
डीडीसी चेयरपर्सन किश्तवाड़ पूजा ठाकुर ने चिशौती बादल फटने की घटना पर जानकारी देते हुए बताया कि करीब 100 से अधिक घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों की निगरानी करते हुए प्रशासन की तत्परता की सराहना की और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
राहत और बचाव कार्य जारी
राहत और बचाव कार्य जारी है। अब तक 50 से अधिक शव बरामद किए गए हैं। प्रशासन, पुलिस, सेना और बचाव दल प्रभावित इलाकों में लगातार खोज और राहत कार्य में लगे हुए हैं। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, वहीं घायलों को तुरंत अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
कुछ शव अब भी चिशौती में फंसे हैं, राहत और बचाव कार्य जारी
अब तक 36 शवों को अथोली पहुंचाया गया है, जबकि कुछ शव अभी भी चिशौती में ही फंसे हुए हैं। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं।
आईजीपी जम्मू और डीआईजी डीकेआर रेंज खुद कर रहे हालात की निगरानी
किश्तवाड़ के चिशौती गांव में बादल फटने की घटना के बाद बचाव कार्य तेजी से जारी है। जम्मू के आईजीपी और डीआईजी डीकेआर रेंज हालात की निगरानी कर रहे हैं। मौके पर पुलिस, सेना, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन की टीमें जुटी हैं। जिला उपायुक्त पंकज शर्मा (केएएस) और एसएसपी नरेश सिंह (जेकेपीएस) खुद मौके पर पहुंचकर बचाव कार्यों की अगुवाई कर रहे हैं
दो पुल क्षतिग्रस्त
प्रशासन के अनुसार, तेज बहाव में चिशोती गांव के पास बना लकड़ी का पुल और पीएमजीएसवाई (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) का पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे क्षेत्र का संपर्क कट गया है। यह इलाका मचैल माता यात्रा का प्रारंभिक बिंदु है, जहां इन दिनों श्रद्धालुओं की आवाजाही होती है।
बचाव कार्य में जुटा प्रशासन
जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश हो रही है।
राजनीतिक और केंद्रीय नेतृत्व सक्रिय
केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें जम्मू-कश्मीर के नेता प्रतिपक्ष और स्थानीय विधायक सुनील कुमार शर्मा से घटना की सूचना मिली। इसके तुरंत बाद उन्होंने किश्तवाड़ के उपायुक्त से बात कर बचाव और राहत के इंतज़ाम तेज करने के निर्देश दिए।
सुनील कुमार शर्मा और स्थानीय विधायक ने घटनास्थल का दौरा किया और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा नुकसान का आकलन और प्रभावित परिवारों के लिए आवश्यक चिकित्सा एवं राहत प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है।
इस गंभीर स्थिति पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से फोन पर बात की। उन्होंने प्रभावित लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव मदद का भरोसा दिया। इसके अलावा, राहत कार्यों को तेज करने और प्रभावित इलाकों में संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।
सहायता के लिए कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन शुरू
प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य के लिए कंट्रोल रूम बनाया है, जहां से प्रभावित लोग मदद मांग सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं ताकि जरूरतमंदों को तुरंत सहायता मिल सके। साथ ही बचाव दल और सुरक्षा बल राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
नुकसान और बचाव कार्य का हाल
इस बादल फटने की वजह से सड़कों और पुलों को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे राहत सामग्री और बचाव दलों की आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं। इसके बावजूद प्रशासन लगातार प्रभावित इलाकों में पहुंचकर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहा है। स्थानीय लोग और स्वयंसेवी भी राहत कार्यों में सक्रिय हैं।
कई लोग घायल और लापता हैं
बहरहाल किश्तवाड़ में बादल फटने से हुई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। 33 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, कई लोग घायल और लापता हैं। प्रशासन और केंद्र सरकार राहत कार्यों में जुटी है और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद मुहैया करा रही है।