79वां स्वतंत्रता दिवस : देश के 1090 वीरों को मिलेगा सम्मान,ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के नायकों की गाथाएं रहेंगी मुख्य आकर्षण

नई दिल्ली।
राजधानी में शुक्रवार को 79वां स्वतंत्रता दिवस पूरे जोश और शान से मनाया जाएगा। इस अवसर पर केंद्र सरकार 1090 बहादुर जवानों और अधिकारियों को विभिन्न पदकों से अलंकृत करेगी। गृह मंत्रालय के अनुसार, इन वीरों ने विपरीत परिस्थितियों में अद्वितीय साहस और समर्पण का परिचय दिया है।इस वर्ष सबसे अधिक चर्चा उन जवानों की है, जिन्होंने मई 2025 में जम्मू-कश्मीर में चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में असाधारण वीरता दिखाई थी।
पदकों का वितरण
वीरता पदक – 233 जवान
राष्ट्रपति पदक (विशिष्ट सेवा) – 99 जवान
सराहनीय सेवा पदक – 758 जवान
ऑपरेशन सिंदूर के नायक
छर्रों से घायल होकर भी डटे रहे
जम्मू सेक्टर में अग्रिम चौकियों तक गोला-बारूद पहुंचाने के मिशन पर निकले बीएसएफ के एसआई व्यास देव और कांस्टेबल सुद्दी राभा दुश्मन की मोर्टार फायरिंग में गंभीर रूप से घायल हो गए। कई छर्रे लगने और पैर गंवाने के बावजूद व्यास देव ने साथियों का मनोबल बनाए रखा। कांस्टेबल राभा भी घायल होने पर हार नहीं मानी। दोनों को वीरता पदक मिलेगा।
ड्रोन हमले के बीच दुश्मन का सामना
खारकोला बीओपी पर पाकिस्तानी गोलाबारी और ड्रोन हमलों के दौरान असिस्टेंट कमांडर अभिषेक श्रीवास्तव और उनकी टीम ने मोर्चा संभाले रखा। हेड कांस्टेबल बृज मोहन सिंह, कांस्टेबल भूपेंद्र बाजपेयी, राजन कुमार, बसवराज शिवप्पा सुनकड़ा और देपेश्वर बर्मन ने एक पाकिस्तानी ड्रोन को निष्क्रिय किया और घायल साथियों को सुरक्षित निकाला। सभी को वीरता पदक मिलेगा।
दुश्मन की निगरानी तोड़ी
120 बटालियन के एएसआई उदय वीर सिंह ने जबोवाल बीओपी पर पाकिस्तानी निगरानी कैमरा और एचएमजी नेस्ट नष्ट किया। होंठ पर गंभीर चोट के बावजूद उन्होंने मिशन पूरा किया। वहीं करोटाना खुर्द बीओपी पर एएसआई राजप्पा बीटी और कांस्टेबल मनोहर ने गोला-बारूद की कमी के बीच दुश्मन की फायरिंग में पुनः आपूर्ति पहुंचाई।
48 घंटे लगातार जवाबी कार्रवाई
53 बटालियन के सहायक कमांडेंट आलोक नेगी, कांस्टेबल कंदर्प चौधरी और वाघमारे भवन देवराम ने 7 से 10 मई तक एफडीएल मुखयारी में दुश्मन पर सटीक और लगातार जवाबी फायर किया, जिससे भारतीय मोर्चे पर कोई हताहत नहीं हुआ।
पृष्ठभूमि : कब चला था ऑपरेशन सिंदूर
7-8 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों पर आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ सटीक हमले किए, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया। इसके जवाब में पाकिस्तान ने जम्मू सेक्टर में बीएसएफ चौकियों पर गोलाबारी और ड्रोन हमले किए, जिनका हमारे जवानों ने डटकर सामना किया।