राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम में अनियमितताओं पर बड़ा एक्शन, कई अस्पताल-फार्मेसी निलंबित

Update: 2025-12-18 18:17 GMT


जयपुर। राजस्थान सरकार की स्वास्थ्य योजना आरजीएचएस में सामने आई अनियमितताओं और धोखाधड़ी के मामलों के चलते चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने बड़े स्तर पर कार्रवाई की है। बीकानेर की एक निजी डायग्नोस्टिक लैब को डी-पैनल किया गया है। इसके अलावा प्रदेश के 6 कॉनफेड मेडिकल स्टोर और 1 निजी अस्पताल को योजना से निलंबित कर दिया गया है।

एक साल में दर्ज किए 10 मामले

विभाग ने पिछले एक साल में अनियमितताओं के 10 मामलों में संबंधित फार्मेसी, चिकित्सक और लाभार्थियों के खिलाफ पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई है। गंभीर मामलों में 61 कार्मिकों के निलंबन की सिफारिश की गई, जिनमें से 23 कार्मिक और 7 चिकित्सकों को निलंबित किया गया। 11 चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई प्रक्रिया में है। वहीं, कार्ड के दुरुपयोग के आधार पर 493 लाभार्थियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को प्रकरण भेजे गए हैं। इसमें पुलिस विभाग के 137, स्कूल शिक्षा विभाग के 258, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के 60, जयपुर विद्युत वितरण निगम के 23 और आयुर्वेद विभाग के 15 कर्मचारी शामिल हैं।

बड़े पैमाने पर कार्रवाई

अप्रैल 2025 से अब तक 159 निजी चिकित्सालयों को योजना से निलंबित किया गया और टीएमएस आइडी ब्लॉक की गई। 5 अस्पतालों को डी-पैनल किया गया और 26.12 करोड़ रुपए की पैनल्टी लगाई गई, जिसमें से 25.07 करोड़ रुपए की वसूली हो चुकी है। वर्तमान में 65 निजी अस्पताल निलंबित हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई प्रक्रिया में है। वित्त वर्ष 2024-25 में इस योजना में 4,290 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए, जबकि 2025-26 में अस्पतालों को 1,260 करोड़ रुपए और फार्मेसीज को 932 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।

फार्मेसी और लाभार्थियों के खिलाफ कार्रवाई

अनियमितताओं में संलिप्त 137 फार्मेसी को निलंबित कर उनकी टीएमएस आईडी ब्लॉक की गई। कैशलेस दवा वितरण से इनकार करने के कारण 411 फार्मेसी स्टोर और ड्रग लाइसेंस की समाप्ति के कारण 944 स्टोर को निलंबित किया गया। मेडिकल स्टोर्स पर कुल 39.79 लाख रुपए की पैनल्टी लगाई गई, जिसमें 35.42 लाख रुपए की वसूली हो चुकी है। इसके अलावा अप्रैल 2025 से अब तक 4 लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर को भी योजना से निलंबित किया गया। 1032 लाभार्थियों के आरजीएचएस कार्ड ब्लॉक किए गए हैं।

यह कार्रवाई स्वास्थ्य योजना में पारदर्शिता और अनियमितताओं को रोकने के लिए उठाए गए ठोस कदम के रूप में देखी जा रही है।

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