चित्तौड़गढ़ में एनएसयूआई का हल्ला बोल प्रदर्शन, मुख्यमंत्री शर्मा का पुतला जलाया, तीन प्रमुख मांगें रखीं
चित्तौड़गढ़। सोमवार को एनएसयूआई (NSUI) के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न समस्याओं को लेकर हल्ला बोल विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का पुतला जलाया और सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
प्रदर्शन के दौरान सभी कार्यकर्ताओं ने तीन प्रमुख मांगें रखीं और कहा कि सरकार को जल्द समाधान करना चाहिए। एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष संजय राव ने बताया कि संगठन और कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि प्रदेश और जिले में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है, जिससे युवा परेशान हैं।
युवाओं का कहना है कि सरकारी नीतियां रोजगार बढ़ाने में विफल साबित हो रही हैं। इसलिए सरकार से मांग की गई कि बढ़ती बेरोजगारी पर नियंत्रण किया जाए और नई नौकरियों के अवसर पैदा किए जाएं।
एनएसयूआई की दूसरी बड़ी मांग शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी रही। संगठन ने बताया कि जिले के कई स्कूलों और कॉलेजों में स्टाफ की भारी कमी है, जिसका सीधा असर पढ़ाई पर पड़ रहा है। छात्र-छात्राएं सही तरीके से शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं। एनएसयूआई ने मांग की कि स्टाफ की कमी को तुरंत पूरा किया जाए ताकि शिक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके।
तीसरी मांग वोटर लिस्ट के मुद्दे पर रही। कार्यकर्ताओं ने कहा कि ‘वोट चोरी’ मामले को लेकर आमजन में गहरा रोष है। साल 2022 में नए जुड़े वोट और पुराने कटे हुए वोटरों की जानकारी अभी तक स्पष्ट नहीं है। एनएसयूआई ने कहा कि इस पूरे मामले को पारदर्शिता के साथ उजागर किया जाए और आम जनता को भरोसे में लेते हुए ईमानदारी से कार्रवाई की जाए।
कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचे और वहां मुख्यमंत्री का पुतला जलाकर विरोध जताया। उन्होंने मानव श्रृंखला बनाकर अपनी एकता दिखाई। जब वे कलेक्ट्रेट के अंदर जाने लगे तो पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर रास्ता बंद कर दिया। इस पर कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड्स पर चढ़ने की कोशिश की, जिससे पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच हल्की धक्का-मुक्की हो गई।
पुलिस ने समझाइश देकर प्रतिनिधिमंडल को अंदर भेजा। इसके बाद एडीएम प्रभा गौतम और रामचंद्र खटीक बाहर आए और युवाओं की समस्याएं सुनीं। उन्होंने सभी मुद्दों पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। अधिकारियों की समझाइश के बाद कार्यकर्ताओं ने अपना धरना शांतिपूर्वक समाप्त कर दिया।
