भविष्यवाणी: 90 दिनों में ट्रंप की टैरिफ नीति धराशायी, 2035 तक भारत बनेगा विश्व गुरु - डॉ. गोपाल उपाध्याय

Update: 2025-09-01 12:58 GMT

भीलवाड़ा (हलचल)। विश्व में आर्थिक उथल-पुथल का कारण बन चुकी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति आने वाले 90 दिनों में धराशायी हो जाएगी और भारत वर्ष 2035 तक फिर से विश्व गुरु बनेगा। यह भविष्यवाणी की है राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के प्रसिद्ध ज्योतिष नगरी कारोड़ निवासी ज्योतिषाचार्य डॉ. गोपाल उपाध्याय ने।

बैद गायत्री ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. उपाध्याय ने बताया कि ट्रंप द्वारा चलाई जा रही टैरिफ नीति असल में राहु और शनि ग्रह की दशा के कारण उत्पन्न हुई है। इन ग्रहों की विपरीत चाल के चलते अमेरिका ने चीन, भारत और रूस जैसे देशों पर टैरिफ का बोझ लाद दिया है, जिससे पूरी दुनिया के आर्थिक संतुलन पर असर पड़ा है।

डॉ. उपाध्याय के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप की "अमेरिका फर्स्ट" नीति उन्हें महंगी पड़ेगी। वे सोचते हैं कि टैरिफ बढ़ाने से अमेरिका की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी, लेकिन इसका उल्टा असर होगा और अमेरिकी जनता को महंगाई की भारी मार झेलनी पड़ेगी। वहीं भारत पर ट्रंप की टैरिफ नीति का कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक समन्वय की नीति के कारण भारत वैश्विक समर्थन हासिल करने में सफल रहेगा।

उन्होंने आगे बताया कि दिसंबर 2025 से पहले ट्रंप भारत के समक्ष झुकने को मजबूर होंगे और उनकी टैरिफ नीति में बदलाव लाना पड़ेगा। साथ ही, इस टैरिफ युद्ध के चलते वैश्विक समीकरणों में बड़ा बदलाव आएगा। रूस, चीन और भारत का आरआईसी गठबंधन और अधिक मजबूत होगा, ब्रिक्स देश अपने व्यापार को डॉलर की जगह अपनी-अपनी मुद्रा में करने लगेंगे, जिससे एशिया की ताकत में वृद्धि होगी।

डॉ. उपाध्याय ने दावा किया कि भारत की आर्थिक विकास दर 2025-26 तक 6 से 7 प्रतिशत के बीच बनी रहेगी और इससे भारत की वैश्विक साख और बढ़ेगी। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका भारत की आर्थिक मजबूती से विचलित होकर 7 दिसंबर 2026 तक भारत पर पुनः टैरिफ नीति पर विचार करेगा।

अंत में डॉ. उपाध्याय ने भविष्यवाणी की कि वर्ष 2035 तक भारत न केवल आर्थिक रूप से सशक्त होगा, बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक दृष्टिकोण से भी विश्व को दिशा देने वाला ‘विश्व गुरु’ बन जाएगा। वसुधैव कुटुंबकम की भारतीय सोच के कारण भारत की अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता चरम पर होगी और विश्व भारत को पुनः विश्व गुरु के रूप में स्वीकार करेगा।

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