शनि जयंती पर दुर्लभ योग,... मिथुन, मेष, तुला, सिंह, कुंभ वालों की चमक उठेगी किस्मत,: भीलवाड़ा में शनि मंदिरों में तैयारियां शुरू, उमड़ेगी भक्तों की भीड़ होंगे कई कार्यक्रम

Update: 2025-05-22 22:50 GMT
भीलवाड़ा में शनि मंदिरों में तैयारियां  शुरू, उमड़ेगी भक्तों की भीड़ होंगे कई कार्यक्रम
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 भीलवाड़ा विजय गढ़वाल ।शनि जयंती को लेकर शहर के सभी शनि मंदिरों में तैयारी शुरू हो गई है . मान्यता है कि इस विशेष दिन पर शनि देव की उपासना करने से साधक को रोग, दोष और बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। इस साल शनि जयंती 27 मई  को मनेगी। शहर  के गांधीनगर, लेबर कॉलोनी और तेजाजी के चौक सहित  जिले भर के सभी शनि मंदिरों में शनि जयंती मनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार शनि जयंती पर्व पर दुर्लभ सुकर्मा योग, सर्वार्थसिद्धि योग व शिववास योग का विशेष संयोग बन रहा है।इस अवसर पर मंदिर में विशेष अनुष्ठान होंगे

ईनको फायदा, ये रहें  सावधान

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि जयंती का असर हर राशि पर पड़ेगा। मिथुन, मेष, तुला, सिंह व कुंभ राशियों के लिए यह संयोग विशेष शुभफलदायक होगा।

ज्योतिषाचार्यों ने अन्य राशियों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। शनि जयंती को शनिदेव की ढैया व साढ़ेसाती महादशा निवारण के लिए सर्वोत्तम अवसर माना जाता है। इसके लिए सारा दिन अनुष्ठान होंगे।

पवित्र नदी तटों व शनि मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि शनि जयंती के दिन ही ज्येष्ठ अमावस्या और वट सावित्री व्रत का त्योहार भी मनाया जाएगा। महिलाएं वट सावित्री व्रत रखकर पूजन करेंगी।

महत्वपूर्ण है तीन योगों का संयोग

पंडित  ने बताया कि शनि जयंती पर प्रात:काल से ही दुर्लभ सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इसे बहुत ही शुभ योग माना जाता है। इस योग का समापन रात 10.54 बजे होगा। इस योग में भगवान शिव और शनिदेव की पूजा श्रेष्ठ मानी जाती है।

शनि जयंती के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग है। यह सुबह 05.25 बजे से 05.32 बजे तक है। इस दिन शिववास योग सुबह 08.31 बजे तक है। इन योगों के कारण शनि जयंती बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाली है।


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