सरस्वती मंदिर की द्वितीय वर्षगांठ के अवसर पर यूनेस्को द्वारा की गई मिठाई वितरित
भीलवाड़ा। जिले का एक मात्र सरस्वती मंदिर की द्वितीय वर्षगांठ के अवसर पर जिला यूनेस्को एसोसिएशन द्वारा शहर की राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय जुनावास में सभी छात्राओं को मिठाई (प्रसाद) वितरित की गई। इस असवर पर बच्चों को संबोधित करते हुए स्टेट फेडरेशन ऑफ यूनेस्को एसोसिएशन इन राजस्थान के प्रदेश संयोजक गोपाल लाल माली ने कोशल विकास व स्किल शिक्षा के बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि देवी सरस्वती के हाथ में पुस्तक होती हैं। इसलिए उन्हें ज्ञान की देवी कहा जाता हैं। ऐसे में माता के हाथ की ये पुस्तक हमें शिक्षित होने के लिए प्रेरित करती हैं। पढ़ने-लिखने से हम जीवन में एक अच्छा मुकाम हासिल कर सकते हैं। ऐसे में सभी बच्चों को मन लगाकर ज्ञान अर्जित करना चाहिए। यूनेस्को शिक्षा एवं कल्चर के क्षेत्र में कार्य करने वाली अग्रणी संस्था है जो कि अपने कार्यों से एक अलग पहचान बना चूकी है।
जिला यूनेस्को एसोसिएशन की प्रवक्ता मधु लोढा ने बताया कि मां सरस्वती मंदिर की द्वितीय वर्षगांठ विद्यालय की छात्राओं को मिठाई (प्रसाद) वितरण कर मनाई गई। मां सरस्वती का प्रसाद पाकर बच्चों में खुशी की लहर दौड़ गई। इससे पूर्व यूनेस्को के पदाधिकारियों व सदस्यों का विद्यालय के प्रधानाध्यापक डॉ.शांति लाल छापरवाल व स्कूल अध्यापिकाओं ने आंगतुकों का स्वागत-सम्मान किया। इस अवसर पर जिला यूनेस्को एसोसिएशन के अध्यक्ष चेतन मानसिंहका, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ललित अग्रवाल,गोवर्धन वैष्णव सहित विद्यालय के शिक्षकगण उपस्थित थे।