घूमने आए या ठगी करने?: चित्तौड़गढ़ में नकली नोट गैंग का भंडाफोड़ – सब्जी मंडी से हुई शुरुआत, होटल तक पहुंची पुलिस
चित्तौड़गढ़ । शहर की बड़ी सब्जी मंडी मंगलवार रात अचानक अफरातफरी का केंद्र बन गई। एक महिला सब्जी विक्रेता ने एक ग्राहक को पहचान लिया और जोर से चिल्लाई –
"यही है वो, जिसने मुझे नकली नोट देकर ठगा था!"
देखते ही देखते मौके पर दर्जनों दुकानदार जुट गए और युवक को धर दबोचा। पुलिस को खबर दी गई, तो मामला ऐसा खुला कि पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया।
असली मकसद "घूमना" नहीं, बल्कि "नोट खपाना"
जांच में सामने आया कि युवक सिर्फ घूमने के बहाने चित्तौड़गढ़ आए थे। असली मकसद था नकली 500-500 के नोट बाजार में चलाकर असली पैसे बटोरना।
पकड़े गए युवक के पास से 30 नकली नोट बरामद हुए। उसने कबूल किया कि वह अकेला नहीं, बल्कि उसके साथ दो और साथी भी इसी धंधे में शामिल हैं।
होटल बना अड्डा
पुलिस ने जब दबिश दी तो पता चला कि तीनों आरोपी शहर के एक होटल में रुके हुए थे। वहीं से नोट लेकर रोज़ बाजार में जाते और दुकानदारों को शिकार बनाते।
छोटी-छोटी खरीदारी कर नकली 500 का नोट थमाते और बदले में असली खुले पैसे ले उड़ते।
आरोपी कौन हैं?
पुलिस ने तीनों युवकों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान इस प्रकार हुई –
आसिफ अली (27), पुत्र नूर मोहम्मद, निवासी झालावाड़
आदिल खान (27), पुत्र अब्दुल गफूर खान, निवासी सारोला, झालावाड़
शाहनवाज खान (27), पुत्र मंसूर अहमद, निवासी कैथून, कोटा
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👉 भीड़ ने दी राहत की सांस
मंडी में जब युवक को रंगे हाथ पकड़ा गया तो मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई। कई दुकानदारों ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में वे भी नकली नोट का शिकार हुए थे, लेकिन ध्यान नहीं दे पाए।
👉 पुलिस की सख्त अपील
थानाधिकारी तुलसीराम प्रजापत ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और नकली नोटों की सप्लाई चेन की जांच की जा रही है।
पुलिस ने दुकानदारों से अपील की है –
"हर नोट को ध्यान से परखें, खासकर 500 के नोट। शक हो तो तुरंत पुलिस को सूचना दें।"
👉 घूमने का बहाना और नकली नोट का खेल अब सलाखों के पीछे पहुंच चुका है। पुलिस को शक है कि इन युवकों के पीछे किसी बड़े गिरोह का हाथ भी हो सकता है। जांच जारी है।
