मेक्सिको का टैरिफ झटका, भीलवाड़ा का टेक्सटाइल निर्यात ठप होने की कगार पर
भीलवाड़ा। मेक्सिको सरकार द्वारा भारत से आयात होने वाले टेक्सटाइल उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले ने देश के टेक्सटाइल उद्योग को गहरी चिंता में डाल दिया है। इस निर्णय का सबसे बड़ा असर राजस्थान के टेक्सटाइल हब भीलवाड़ा पर पड़ने जा रहा है। 1 जनवरी 2026 से टैरिफ लागू होते ही भीलवाड़ा से मेक्सिको को होने वाला करीब 200 करोड़ रुपए का वार्षिक टेक्सटाइल निर्यात पूरी तरह बंद होने की आशंका जताई जा रही है।
टेक्सटाइल उद्योग पहले ही अमेरिका द्वारा लगाए गए ट्रंप टैरिफ से दबाव में था, ऐसे में मेक्सिको का यह कदम दोहरी मार साबित हो रहा है। मेक्सिको ने ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्सटाइल सहित कई उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाया है। इसके चलते भीलवाड़ा से हर महीने जाने वाले 20 से 22 कंटेनर टेक्सटाइल का निर्यात रुक जाएगा।
वर्तमान में भीलवाड़ा से प्रतिमाह 20 से 22 करोड़ रुपए का टेक्सटाइल निर्यात मेक्सिको को किया जा रहा है। इसमें डेनिम यानी जींस फैब्रिक, सूती धागा और पीवी सूटिंग प्रमुख हैं। आंकड़ों के अनुसार हर महीने करीब 15 कंटेनर डेनिम, 7 कंटेनर सूती धागा और 2 कंटेनर पीवी सूटिंग मेक्सिको भेजी जाती है। टैरिफ लागू होते ही यह पूरा कारोबार थम जाएगा।
भारत और मेक्सिको के बीच द्विपक्षीय व्यापार में पिछले कुछ वर्षों में भारत की स्थिति मजबूत हुई है। बीते तीन सालों में भारत का ट्रेड सरप्लस 0.69 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। मेवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अनुसार इसका बड़ा कारण ऑटोमोबाइल निर्यात में आई तेजी है। मेक्सिको में आयात होने वाली कुल कारों में से लगभग 20 प्रतिशत कारें भारत में निर्मित हैं। इसी बढ़ते भारतीय निर्यात को देखते हुए मेक्सिको ने अमेरिकी नीति की तर्ज पर भारतीय उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाया है।
पिछले पांच वर्षों में भीलवाड़ा में डेनिम उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। जहां पहले प्रतिवर्ष करीब 15 करोड़ मीटर डेनिम का उत्पादन होता था, वहीं अब यह बढ़कर 40 करोड़ मीटर प्रतिवर्ष तक पहुंच गया है। भीलवाड़ा डेनिम की गुणवत्ता के कारण मेक्सिको के साथ-साथ कोलम्बिया, ब्राजील, वेनेजुएला, पेरू और चिली जैसे देशों में इसकी मजबूत मांग रही है। टैरिफ के चलते यह तेजी से बढ़ता अंतरराष्ट्रीय बाजार अचानक बंद होने की स्थिति में पहुंच गया है।
उद्योग संगठनों का मानना है कि मेक्सिको के 50 प्रतिशत टैरिफ से भीलवाड़ा टेक्सटाइल उद्योग को 200 करोड़ रुपए से अधिक का सीधा नुकसान हो सकता है। इसको लेकर उद्योग प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि टैरिफ लागू होते ही भीलवाड़ा से मेक्सिको का निर्यात पूरी तरह ठप हो जाएगा, इसलिए वित्त, वाणिज्य और टेक्सटाइल मंत्रालय को प्रतिवेदन भेजकर उद्योग की गंभीर स्थिति से अवगत कराया गया है।
