1.5 अंक से छूटी मंजिल, अगली ही कोशिश में जज बने आशुतोष

Update: 2025-12-20 08:32 GMT

भीलवाड़ा। राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा घोषित राजस्थान न्यायिक सेवा परीक्षा-2025 के परिणाम में भीलवाड़ा के आरके कॉलोनी निवासी आशुतोष शर्मा ने प्रदेश में 12वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। उनकी इस सफलता से न केवल परिवार बल्कि पूरे शहर में खुशी का माहौल है। खास बात यह रही कि इस बार भी परीक्षा परिणाम में बेटियों का दबदबा देखने को मिला। कुल 44 चयनित अभ्यर्थियों में 28 महिलाएं शामिल हैं, जबकि टॉप-10 में 9 स्थान महिलाओं ने हासिल किए हैं।

आशुतोष की सफलता किसी एक परीक्षा की कहानी नहीं, बल्कि निरंतर संघर्ष और आत्मविश्वास की मिसाल है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 की आरजेएस परीक्षा में वह केवल 1.5 अंक से साक्षात्कार के लिए चयनित होने से चूक गए थे। यह क्षण उनके लिए बेहद निराशाजनक था, लेकिन उन्होंने हार मानने के बजाय इसे अपनी सबसे बड़ी चुनौती बना लिया। एक साल की कड़ी मेहनत और आत्ममंथन के बाद उन्होंने दोबारा प्रयास किया और इस बार प्रदेश की टॉप रैंकिंग में अपनी जगह बना ली।

जज बनने की प्रेरणा उन्हें बचपन में ही मिल गई थी। आशुतोष बताते हैं कि उनके स्कूल की प्रिंसिपल के पति जज थे। पीटीएम के दौरान प्रिंसिपल अक्सर उनके माता-पिता से कहती थीं कि यह बच्चा आगे चलकर बड़ा मुकाम हासिल करेगा। उन्हीं बातों ने उनके मन में न्यायिक सेवा को लेकर एक सपना बो दिया। लॉ की पढ़ाई और वकालत के दौरान भी उनका लक्ष्य हमेशा जज बनने का ही रहा। उनके अनुसार वकालत के दौरान उन्होंने न्यायिक पद की जिम्मेदारी और गरिमा को करीब से समझा।

आशुतोष की सफलता से जुड़ा एक रोचक प्रसंग भी सामने आया है। कुछ समय पहले उनकी मां उन्हें भीलवाड़ा के एक पंडित के पास ले गई थीं, जहां पंडित ने भविष्यवाणी की थी कि आशुतोष वर्ष 2025 में जज बनेंगे। परिणाम घोषित होने के बाद यह बात परिवार और परिचितों के बीच चर्चा का विषय बन गई।

परिणाम आने के बाद आशुतोष के घर बधाई देने वालों का तांता लग गया। ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच परिवार और मित्रों ने खुशी मनाई। आशुतोष की यह उपलब्धि उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो असफलता से निराश होकर अपने सपनों से पीछे हट जाते हैं।

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