"हनुमान जी से सीखें सेवा, समर्पण और शक्ति का संतुलन" – मुंद्डा

भीलवाड़ा। हनुमान जन्मोत्सव एवं रामनवमी के पावन अवसर पर महावीर हनुमान सेवा संस्थान एवं भारत विकास परिषद् महाराणा प्रताप शाखा के संयुक्त तत्वावधान में एक भव्य रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। आयोजन में कुल 128 यूनिट रक्त संग्रहित कर समाज सेवा की दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया गया। यह शिविर न केवल मानव सेवा का प्रतीक बना, बल्कि युवाओं में जागरूकता और समर्पण की भावना का भी संचार किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसे महंत मोहन शरण ने संपन्न किया। मां भारती के चरणों में दीप समर्पित करते हुए उन्होंने राष्ट्र और समाज सेवा का आह्वान किया। इस अवसर पर उनके साथ संस्थान के अध्यक्ष राजेन्द्र मुंद्डा एवं संरक्षक धनराज जाजू उपस्थित रहे। कार्यक्रम में भारत विकास परिषद राजस्थान मध्य प्रांत के प्रांतीय अध्यक्ष राधेश्याम सोमानी, उद्योगपति श्याम सुंदर चांडक, राधाकृष्ण सोमानी, गजानंद बजाज, कैलाश अग्रवाल, आशीष तोतला, शाखा अध्यक्ष प्रेम नारायण मिश्रा, सचिव सतीश बोहरा एवं वित्त सचिव हरिप्रसाद राठी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
शिविर में रामस्नेही चिकित्सालय एवं अनुसंधान केंद्र की चिकित्सा टीम द्वारा सेवाएं दी गईं। कुशल चिकित्सकों और स्टाफ द्वारा रक्तदाताओं की जाँच और देखरेख की गई, जिससे पूरा कार्यक्रम सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से सम्पन्न हुआ।
समाजसेवी महेश जाजू ने 57वीं बार और कैलाश आचार्य ने 51वीं बार रक्तदान कर सेवा और समर्पण का प्रेरणास्रोत प्रस्तुत किया। वहीं 34 युवाओं ने पहली बार रक्तदान किया, जो आने वाली पीढ़ी की सामाजिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 8 महिलाओं ने भी रक्तदान कर यह सिद्ध किया कि नारी शक्ति समाज सेवा में अग्रणी भूमिका निभा रही है। अनेक महिलाओं और युवाओं की सक्रिय भागीदारी उल्लेखनीय रही।
इस अवसर पर रक्तवीर विक्रम दाधीच, गोपाल विजयवर्गीय एवं राकेश काबरा ने भी शिविर में उपस्थित होकर रक्तदाताओं का उत्साहवर्धन किया।
संस्थान के अध्यक्ष राजेन्द्र मुंद्डा ने कहा, “हनुमान जी केवल बल और वीरता के प्रतीक नहीं, बल्कि विनम्रता और सेवा के सजीव उदाहरण हैं। ऐसे आयोजन हमें अपने भीतर छिपे सेवा भाव को जागृत करने का अवसर देते हैं।”
संस्थान के सचिव परमेश्वर शर्मा ने बताया, “इस आयोजन की तैयारी कई सप्ताह पूर्व से प्रारंभ हो गई थी। सभी सदस्यों ने तन-मन-धन से जुड़कर इसे सफल बनाया। हमें गर्व है कि हमारे संस्थान के कार्यकर्ता हर समय सेवा के लिए तत्पर रहते हैं।”
कार्यक्रम संयोजक राजेश शर्मा ने कहा, “रक्तदान को महादान कहा गया है, क्योंकि इससे एक नहीं, कई जिंदगियाँ बचाई जा सकती हैं। युवाओं का जोश और महिलाओं की भागीदारी देखकर मन गदगद हो उठा।”
प्रचार-प्रसार मंत्री कृष्ण गोपाल शर्मा ने बताया, “हमने सोशल मीडिया, पेम्फलेट, पोस्टर, व्यक्तिगत आमंत्रण जैसे सभी माध्यमों से प्रचार किया, जिसका परिणाम यह रहा कि बड़ी संख्या में रक्तदाता पहुँचे। समाज में सकारात्मक संदेश गया है।”
कार्यक्रम को सफल बनाने में राम प्रहलाद शर्मा, बालकिशन पाराशर, प्रताप सिंह पंवार, पंकज अग्रवाल, राकेश काबरा, राजेश बियानी, नवीन जाजू, राजू समर शर्मा, सिद्धांत गौतम सहित परिषद एवं संस्थान के सभी कार्यकर्ताओं का विशेष योगदान रहा।
यह आयोजन केवल एक रक्तदान शिविर नहीं था, बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायित्व, मानव सेवा और राष्ट्रभक्ति का एक भावनात्मक और जीवंत प्रतीक बन गया। वक्ताओं ने कहा कि हनुमान जी न केवल शक्ति के प्रतीक हैं, बल्कि भक्ति, त्याग और समर्पण की अद्वितीय मिसाल हैं – हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज सेवा के कार्यों में निस्वार्थ भाव से लगे रहना चाहिए।