छत्तीसगढ़ के अमित बघेल के खिलाफ देशद्रोह की कार्रवाई की मांग, भीलवाड़ा में सिन्धी समाज का आक्रोश, जलाया पुतला

Update: 2025-11-07 07:22 GMT

भीलवाड़ा। भीलवाड़ा में शुक्रवार को सिन्धी समाज ने बड़ा विरोध प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ क्षेत्रीय जोहार पार्टी के अध्यक्ष अमित बघेल के खिलाफ देशद्रोह की कार्रवाई की मांग की। समाज के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, कलेक्टर, सांसद दामोदर अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रशांत मेवाड़ा और भाजपा प्रत्याशी विठ्ठल शंकर अवस्थी को ज्ञापन सौंपा।

सिन्धु संस्कार सेवा समिति के अध्यक्ष हरीश मानवानी ने बताया कि अमित बघेल ने सिन्धी समाज को पाकिस्तानी कहा और इसे साबित करने की चुनौती दी है, जिससे पूरे समाज की भावनाएं आहत हुई हैं। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1947 को जब भारत आज़ाद हुआ, तब सिन्धी समाज ने धर्म और देश की रक्षा के लिए अपनी मातृभूमि सिन्ध को त्याग दिया था। यह त्याग 14 अगस्त 1947 को हुआ था, जो भारत के इतिहास का सबसे बड़ा बलिदान माना जाता है।

मानवानी ने आरोप लगाया कि अमित बघेल ने जोहार पार्टी के मंच से पाकिस्तान का मुद्दा उठाकर भारत की एकता पर प्रहार किया है। उन्होंने मांग की कि जोहार पार्टी पर प्रतिबंध लगाया जाए और अमित बघेल के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए।

उन्होंने कहा कि भगवान झूलेलाल, जो जल से प्रकट हुए और जिनकी सवारी मछली थी, उनके बारे में भी बघेल ने आपत्तिजनक टिप्पणी की है। इससे न केवल सिन्धी समाज बल्कि पूरे भारत के सनातनी समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। मानवानी ने कहा कि भले ही आज सिन्ध पाकिस्तान में है, लेकिन सिन्धी समाज का दिल अब भी अखंड भारत से जुड़ा है।

सुबह 9 बजे से सिन्धी समाज के सदस्य शहर के विभिन्न हिस्सों से एकत्र हुए और 11 बजे तक अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। समाज के वरिष्ठजनों में हेमंत दास भोजवानी, उद्धव दास भगत, गुरदास लखवानी, पार्षद इन्दू दिदी, किशोर सोनी, चन्दप्रकाश चन्दवानी, दिलीप केशवानी सहित अनेक प्रमुखों ने समाज को संबोधित किया।

भीलवाड़ा के सातों झूलेलाल मंदिरों की कार्यकारिणी, सिन्धी सेंट्रल पंचायत, सिन्धु संस्कार सेवा समिति और सकल सिन्धी समाज ने संयुक्त रूप से सूचना केंद्र से कलेक्ट्री तक रैली निकाली। रैली में झूलेलाल भजनों और भारत माता की जय के नारों के साथ आक्रोश व्यक्त किया गया और अंत में अमित बघेल का पुतला दहन किया गया।

इस अवसर पर बिगोद, माण्डलगढ़ और आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में सिन्धी समाज के लोग पहुंचे। अंत में समाज के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर आरोपी पर देशद्रोह की कार्रवाई की मांग दोहराई।

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