गोपाल रत्न पुरस्कार-2025: देशी नस्लों के संरक्षण को बढ़ावादे जीते ,5 लाख
नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने देशी पशु नस्लों के संरक्षण, संवर्धन और वैज्ञानिक पशुपालन को प्रोत्साहन देने के लिए राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार-2025 की घोषणा की है। पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने 14 अगस्त को इस पुरस्कार की विस्तृत गाइडलाइन जारी की। इस योजना के तहत प्रगतिशील पशुपालकों कोष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार-2025: देशी नस्लों के संरक्षण को बढ़ावा
नई दिल्ली, 26 अगस्त 2025: केंद्र सरकार ने देशी पशु नस्लों के संरक्षण, संवर्धन और वैज्ञानिक पशुपालन को प्रोत्साहन देने के लिए राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार-2025 की घोषणा की है। पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने 14 अगस्त को इस पुरस्कार की विस्तृत गाइडलाइन जारी की। इस योजना के तहत प्रगतिशील पशुपालकों को 5 लाख रुपये तक का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
आवेदन प्रक्रिया और महत्वपूर्ण तिथियां
आवेदन प्रक्रिया 15 अगस्त से शुरू हो चुकी है और इच्छुक पशुपालक 15 सितंबर 2025 तक वेबसाइट https://awards.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। विजेताओं की घोषणा 25 नवंबर 2025 को होगी, और पुरस्कार वितरण 26 नवंबर 2025 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री या केंद्रीय पशुपालन मंत्री द्वारा किया जाएगा।
पुरस्कार का उद्देश्य
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य देशी दुधारू नस्लों के वैज्ञानिक पालन को बढ़ावा देना, डेयरी सहकारी समितियों और दुग्ध प्रसंस्करण संस्थानों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना, तथा राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम को गति देना है।
पुरस्कार श्रेणियाँ और राशि
सर्वश्रेष्ठ डेयरी पशुपालक (देशी नस्ल पालने वाले)
सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति/संस्था
सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधानकर्ता
पुरस्कार राशि:
प्रथम पुरस्कार: 5 लाख रुपये
द्वितीय पुरस्कार: 3 लाख रुपये
तृतीय पुरस्कार: 2 लाख रुपये
विशेष पुरस्कार: 2 लाख रुपये (पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए)
कृत्रिम गर्भाधानकर्ता को प्रमाणपत्र और मोमेंटो।
प्रत्येक श्रेणी में 4-4 पुरस्कार दिए जाएंगे।
पात्रता मानदंड
पशुपालक: राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो में पंजीकृत 53 गाय नस्लों (जैसे थारपारकर, कांकरेज, गिर, राठी, साहीवाल) या 20 भैंस नस्लों (जैसे मुर्रा, सुरती, जाफराबादी) में से किसी एक का पालन करना अनिवार्य।
डेयरी सहकारी समिति: कम से कम 50 पशुपालक जुड़े हों और प्रतिदिन 100 लीटर दूध एकत्रित हो।
कृत्रिम गर्भाधानकर्ता: 90 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त हो और किसी राज्य, लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड या एनजीओ से संबद्ध हों। (वेटरनरी डॉक्टर पात्र नहीं।) किया जाएगा।
आवेदन प्रक्रिया और महत्वपूर्ण तिथियां
आवेदन प्रक्रिया 15 अगस्त से शुरू हो चुकी है और इच्छुक पशुपालक 15 सितंबर 2025 तक वेबसाइट https://awards.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। विजेताओं की घोषणा 25 नवंबर 2025 को होगी, और पुरस्कार वितरण 26 नवंबर 2025 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री या केंद्रीय पशुपालन मंत्री द्वारा किया जाएगा।
पुरस्कार का उद्देश्य
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार का मुख्य उद्देश्य देशी दुधारू नस्लों के वैज्ञानिक पालन को बढ़ावा देना, डेयरी सहकारी समितियों और दुग्ध प्रसंस्करण संस्थानों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना, तथा राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम को गति देना है।
पुरस्कार श्रेणियाँ और राशि
सर्वश्रेष्ठ डेयरी पशुपालक (देशी नस्ल पालने वाले)
सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति/संस्था
सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधानकर्ता
पुरस्कार राशि:
प्रथम पुरस्कार: 5 लाख रुपये
द्वितीय पुरस्कार: 3 लाख रुपये
तृतीय पुरस्कार: 2 लाख रुपये
विशेष पुरस्कार: 2 लाख रुपये (पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए)
कृत्रिम गर्भाधानकर्ता को प्रमाणपत्र और मोमेंटो।
प्रत्येक श्रेणी में 4-4 पुरस्कार दिए जाएंगे।
पात्रता मानदंड
पशुपालक: राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो में पंजीकृत 53 गाय नस्लों (जैसे थारपारकर, कांकरेज, गिर, राठी, साहीवाल) या 20 भैंस नस्लों (जैसे मुर्रा, सुरती, जाफराबादी) में से किसी एक का पालन करना अनिवार्य।
डेयरी सहकारी समिति: कम से कम 50 पशुपालक जुड़े हों और प्रतिदिन 100 लीटर दूध एकत्रित हो।
कृत्रिम गर्भाधानकर्ता: 90 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त हो और किसी राज्य, लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड या एनजीओ से संबद्ध हों। (वेटरनरी डॉक्टर पात्र नहीं।)
