7 साल के बच्चे ने रखा रोज़ा, सभी ने उसके जज़्बे को किया सलाम
भीलवाड़ा (सांगानेर): आज के दौर में, जब हमारे बीच बहुत कम लोग अपने धार्मिक कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी से निभाते हैं, एक 7 साल के बच्चे ने अपनी ईमानदारी और जज़्बे का एक शानदार उदाहरण पेश किया है। उपनगर सांगानेर में हाजी शमसुद्दीन रंगरेज के पड़पोते, *अर्श रंगरेज पिता मासूम रंगरेज*, ने रमजान के शुरुआत में पहला रोज़ा रखा और अपनी उम्मीद से भी ज्यादा हिम्मत और सब्र का प्रदर्शन किया।यह काफ़ी सराहनीय है कि एक 7 साल के बच्चे ने अपने परिवार और समाज को यह संदेश दिया है कि उम्र केवल एक संख्या है, और असली जज़्बा और ईमान इंसान के अंदर होता है। इस रोज़ा रखने के जरिए, इस बच्चे ने न केवल अपनी धार्मिक अनुशासन को अपनाया, बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी अपनी भावना से प्रेरित किया। परिवार हाजी इब्राहिम, हाजी इस्माइल व फारूक अहमद और अन्य सदस्यों ने भी अपने बच्चे के इस प्रयास को सराहा और कहा कि यह बच्चा उनके लिए एक प्रेरणा है। बच्चे के माता-पिता ने बताया कि उन्होंने हमेशा अपने बच्चे को धार्मिक अनुशासन और ईमान की अहमियत समझाई थी, और आज यह देखकर उन्हें अपने बच्चे पर गर्व है।
इस तरह का रोज़ा रखना न केवल धार्मिक रूप से लाभकारी है, बल्कि यह बच्चे को अपनी ज़िंदगी में सब्र, भरोसा और ईमान का महत्व समझने में भी मदद करता है।