नेत्रधाम में हुआ जैनाचार्य ज्ञानचंद्र महाराज का प्रवचन

हमीरगढ़(राजाराम वैष्णव) जैनाचार्य ज्ञानचंद्र महाराज ने गुरुवार को रामधाम रोड स्थित नेत्रधाम चिकित्सालय में प्रवचन में कहा कि शब्द भी एक भोजन है। बोलने से पहले चख लीजिए। स्वयं को अच्छा ना लगे तो दूसरों को मत परोसिए। पिता हो या पुत्र, सेठ हो या मुनीम, सभी में जान है, सम्मान सभी चाहते हैं, इसलिए शब्दों का प्रयोग सोच समझकर करना चाहिए। आचार्य ने कहा कि भाग्य और पुरुषार्थ से हटकर एक तीसरी महाशक्ति है, उससे जुड़ने की जरूरत है। जो व्यक्ति ध्यान साधना के माध्यम से उससे जुड़ गया वो परम सुख को प्राप्त करता है। भविष्यवेता नेस्तना दमस की घोषणा के अनुसार विश्व का प्रतिनिधित्व भारत करेगा। हिंदुस्तान में ऋषि, मुनि, त्यागी तपस्वी, साधक, अहिंसा प्रेमी लोग अधिक हैं। उन्हीं की अध्यात्म शक्ति सभी को बचाएगी। संचालन डॉ. पी गुप्ता ने किया। शांति भवन श्री संघ के संरक्षक नवरतनमल बंब, आजादनगर श्री संघ अध्यक्ष राजेश बाफना, मंत्री प्रवीण कोठारी, गोपाल लोढ़ा उपस्थित थे। जैनाचार्य ज्ञानचंद्र महाराज शुक्रवार को स्वाध्याय भवन न्यू आजादनगर में सुबह 8.30 बजे से 9.30 बजे तक प्रवचन किया।