आयकर विभाग के निर्देशों के अनुसार 1 जनवरी 2026 से जिन पैन कार्डों का आधार से लिंक नहीं होगा, वे इनऑपरेटिव हो जाएंगे। इसका सीधा असर बैंकिंग और निवेश से जुड़ी सेवाओं पर पड़ेगा। नया बैंक खाता खोलना, क्रेडिट या डेबिट कार्ड के लिए आवेदन करना, बड़ी नकद राशि जमा करना और आयकर रिटर्न दाखिल करना संभव नहीं रहेगा। साथ ही पहले से लंबित टैक्स रिफंड भी अटक सकते हैं।
निष्क्रिय पैन के कारण टीडीएस और टीसीएस से जुड़ी परेशानियां भी सामने आएंगी। अधिक दर से टैक्स कटेगा और उसका सही क्रेडिट करदाता को नहीं मिल पाएगा। शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और अन्य निवेश विकल्पों में केवाईसी से संबंधित प्रक्रियाएं रुक सकती हैं, जिससे निवेशकों को नुकसान झेलना पड़ सकता है।
नियम यह भी कहते हैं कि यदि कोई व्यक्ति निष्क्रिय पैन का उपयोग बैंकिंग लेनदेन या अन्य वित्तीय दस्तावेजों में करता है, तो उसे पैन न देने के बराबर माना जाएगा। ऐसी स्थिति में आयकर कानून के तहत जुर्माने की कार्रवाई हो सकती है।
आयकर विभाग ने बताया है कि अभी भी 1000 रुपये का विलंब शुल्क जमा कर पैन-आधार लिंकिंग कराई जा सकती है। हालांकि समय सीमा बेहद नजदीक है। विशेषज्ञों का कहना है कि अंतिम दिनों में वेबसाइट पर अधिक दबाव के कारण तकनीकी समस्याएं आ सकती हैं, इसलिए लोगों को जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी कर लेनी चाहिए।
सरकार पहले कई बार इसकी समय सीमा बढ़ा चुकी है, लेकिन इस बार राहत मिलने की संभावना कम बताई जा रही है। ऐसे में करदाताओं के लिए यही बेहतर है कि नए साल से पहले अपने पैन को आधार से लिंक कराकर भविष्य की दिक्कतों से बचें।
