भीलवाड़ा में करवा चौथ की धूम, सुबह से महिलाओं ने रखा व्रत, शाम को चांद दिखने पर करेंगी पूजा, कृतिका नक्षत्र और सिद्धि योग का बन रहा संयोग
भीलवाड़ा हलचल । पति-पत्नी के पवित्र बंधन और अटूट प्रेम के प्रतीक **करवा चौथ** का पर्व आज शुक्रवार को पूरे उत्साह और परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ मनाया जा रहा है। **कार्तिक कृष्ण चतुर्थी** के इस पावन दिन पर सुहागिन महिलाएं **पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य** की कामना करते हुए दिनभर निर्जला व्रत रखेंगी। शाम को वे **सोलह श्रृंगार** कर शिव-पार्वती, गणेश, चंद्रमा और करवा माता की पूजा-अर्चना करेंगी। फिर **पति के दर्शन के बाद जल ग्रहण कर व्रत पूर्ण करेंगी**।
करवा चौथ पर बन रहा शुभ राजयोग
इस बार करवा चौथ पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं —
* **शुक्रादित्य राजयोग**
* **कृत्तिका नक्षत्र**
* **सिद्धि योग और जयद् योग**
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार ये सभी योग **सुख-समृद्धि, सौभाग्य और सिद्धि** प्रदान करने वाले हैं। व्रत रखने वाली महिलाओं के पतियों का **भाग्योदय** होगा और अटके कार्यों में सफलता मिलेगी।
करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त
* **प्रदोष काल:** शाम 05:26 बजे से 08:02 बजे तक
* **चंद्रोदय अर्घ्य:** रात्रि 07:58 बजे
वृष राशि में रहेगा चंद्रमा
करवा चौथ के दिन **चंद्रमा अपने उच्च की राशि वृष में** रहेगा। चंद्रमा को मन, यश, आयु और समृद्धि का कारक माना जाता है। इस दिन चंद्रमा **कृत्तिका और रोहिणी नक्षत्र** में विराजमान रहेगा, जो इस व्रत के **शुभ फल** को और बढ़ाएगा।
सोलह श्रृंगार से अखंड सौभाग्य की कामना
शास्त्रों के अनुसार करवा चौथ पर सोलह श्रृंगार करने से **वैवाहिक जीवन में स्थिरता, सौंदर्य और अखंड सौभाग्य** प्राप्त होता है। इसी परंपरा को निभाते हुए भीलवाड़ा की महिलाएं भी पारंपरिक श्रृंगार कर पूजा में शामिल होंगी।
मिट्टी के करवे से अर्घ्य देना शुभ
पंच तत्वों में **पृथ्वी (मिट्टी)** का विशेष स्थान है। मिट्टी शुद्धता और स्थिरता का प्रतीक मानी जाती है। इसलिए महिलाएं मिट्टी के करवे से **चंद्रमा को अर्घ्य** देंगी, जिससे पूजा पूर्ण मानी जाती है।
चलनी से छन कर शुद्ध होते विचा
व्रती महिलाएं चंद्र दर्शन के बाद चलनी से अपने पति को देखती हैं। धार्मिक मान्यता है कि चलनी से देखने से **पत्नी के विचार और व्यवहार शुद्ध** होते हैं और दांपत्य जीवन में **प्रेम और विश्वास** बढ़ता है।
भीलवाड़ा** में आज जगह-जगह मंदिरों, घरों और छतों पर पारंपरिक पूजा-अर्चना की तैयारियां हो चुकी हैं। बाजारों में साज-सज्जा, श्रृंगार सामग्री और पूजा के सामान की रौनक नजर आ रही है। करवा चौथ का यह पर्व सुहागिनों के लिए **प्रेम, आस्था और उत्सव का प्रतीक** बन गया है।
शहर के **आजाद चौक और सदर बाजार** में पूजा की सामग्री, रंग-बिरंगे करवे, मेहंदी और श्रृंगार की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ उमड़ी रही। महिलाएं दिन भर खुद को संवारने, पूजा की थाल तैयार करने और चुनरी एवं अन्य आवश्यक सामग्री की खरीदारी में व्यस्त रहीं।
