सार्वजनिक शौचालय की दुर्दशा से जनप्रतिनिधियों के विकास वादों की खुली पोल
भीलवाड़ा (सोनिया सागर)। कस्बे के मुख्य बाजार में मोचियों के मोहल्ले के नजदीक बनाए गए सार्वजनिक टायलेट घर की बदहाल स्थिति ने आम जनता की परेशानी बढ़ा दी है। यह शौचालय, जो कभी नागरिकों की सुविधाओं के लिए बनवाया गया था, आज अपनी दुर्दशा की कहानी खुद बयां कर रहा है। दीवारें टूट-फूट चुकी हैं, फर्श पर गंदगी का अंबार लगा है और दरवाजे तक लावारिस पड़े हैं। साफ-सफाई की व्यवस्था नगण्य है, जिससे न सिर्फ गंदगी फैल रही है, बल्कि जन स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन गई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्षों से यह टायलेट उपयोग के लिए बंद पड़ा है, लेकिन सरकार और जनप्रतिनिधियों द्वारा समय-समय पर किए गए विकास वादे मात्र शब्दों तक सीमित रह गए हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद भी मरम्मत का कोई कार्य नहीं हुआ।
मोचियों के मोहल्ले के निवासी कामिल ने बताया, "यह टायलेट घर बनवाने का उद्देश्य तो साफ-सफाई और सार्वजनिक सुविधा प्रदान करना था, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह नागरिकों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है।"
स्थानीय पार्षद से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहाकि "समस्या को जल्द से जल्द प्राथमिकता दी जाएगी और मरम्मत कार्य जल्द ही प्रारंभ किया जाएगा।"
जनमानस इस बात को लेकर गहराई से आक्रोशित है कि विकास के दावों के बीच ऐसे अनदेखे और जर्जर सार्वजनिक निर्माण किस हद तक जनहित से दूर हैं। समय रहते इस पर ध्यान देना आवश्यक है ताकि नागरिकों को शुद्ध और सुरक्षित सुविधा मिल सके।
