सेवाश्रम में विशेष क्षमता को निखारने और नई शुरुआत का संकल्प

Update: 2025-12-05 07:46 GMT

भीलवाड़ा । सेवाश्रम - बौद्धिक दिव्यांग विशेष विद्यालय एवं पुनर्वास गृह ने विश्व दिव्यांग दिवस के उपलक्ष में विशेष बच्चों में छिपी विशेष क्षमताओं को पहचान कर उन्हें एक हुनर (कौशल) में बदलने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अध्यक्ष मधु काबरा व सचिव गिरीश अग्रवाल ने बताया कि सेवाश्रम ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी प्रकार की दिव्यांगता (विकलांगता) कोई कमजोरी नहीं, बल्कि एक अलग क्षमता है। सेवाश्रम विद्यालय में विश्व दिव्यांग दिवस के उपलक्ष्य में बच्चों के लिए विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। अध्यापकों द्वारा आयोजित रेस, लेमन-स्पून रेस, बुक बैलेंसिंग, और योगाभ्यास जैसी गतिविधियों में बच्चों ने अत्यंत उत्साह दिखाया।

स्पीच थैरेपिस्ट की नियुक्ति

इस विशेष अवसर पर, सेवाश्रम विद्यालय ने बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए एक स्पीच थैरेपिस्ट की नियुक्ति की है। 35 वर्ष के अनुभवी लक्ष्मी पाल को नियमित आधार पर प्रतिदिन प्रातः 10:30 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक के लिए रखा गया है।

प्रधानाचार्य आशा काबरा द्वारा तैयार साप्ताहिक शेड्यूल के अनुसार, प्रतिदिन 8 से 9 बच्चों को 30 मिनट की सीटिंग में स्पीच थेरेपी दी जाएगी, जिससे प्रत्येक बच्चे को सप्ताह में 2 से 3 बार यह सुविधा मिल सकेगी। इस व्यवस्था का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र बच्चा थेरेपी से वंचित न रहे।

नई यूनिफॉर्म लागू

सेवाश्रम ने विश्व दिव्यांग दिवस पर बच्चों के लिए एक नई यूनिफॉर्म भी लागू की है, जो सभी बच्चों को निशुल्क उपलब्ध कराई गई है। सोमवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार: पीली टी-शर्ट और लोअर, बुधवार और शनिवार नारंगी टी-शर्ट और काला लोअर।

आयोजित सभी कार्यक्रम, यूनिफॉर्म के कलर-मैचिंग, और साइज़ चेकिंग जैसे सभी कार्यों में अध्यापकों आशा काबरा, प्रेम ओझा, निहारिका तोषनीवाल, और विनीता चौधरी का सराहनीय योगदान रहा।

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