अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर 'शांति संदेश मंच' ने मनाया 'सद्भावना दिवस
भीलवाड़ा । शांति संदेश मंच द्वारा शुक्रवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर 'सद्भावना दिवस' का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भीलवाड़ा के विधायक अशोक कोठारी ने डॉ. अंबेडकर को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए की। विधायक कोठारी ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ. अंबेडकर ने भारत को जो संविधान दिया है, उसने विश्व में देश का परचम लहराया है। उन्होंने संविधान को हमें 'एक सूत्र में बांधने वाला मंत्र' बताते हुए प्रत्येक भारतवासी से इसकी पालना करने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संविधान की दृष्टि में भारत में जन्म लेने वाला कोई भी व्यक्ति न छोटा है न बड़ा है, हम सभी संविधान का सम्मान करते हैं।
शिक्षित होने का दिया नारा: पूर्व सभापति मधु जाजू ने डॉ. अंबेडकर के संघर्षपूर्ण जीवन को याद करते हुए कहा कि गरीब परिवार में जन्म लेकर भी उन्होंने अपने दम पर शिक्षित होने का नारा दिया। उन्होंने अंबेडकर जी के प्रसिद्ध कथन को दोहराया: "शिक्षा शेरनी का वह दूध है जो पियेगा, वह दहाड़ेगा।" अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ज्ञानमल खटीक ने भी शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि 'भले ही रोटी कम खाओ, मगर अपनी आने वाली पीढ़ी को पढ़ाओ-लिखाओ।'