भीलवाड़ा, पोरवाल हॉस्पिटल के मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग ने एक जटिल टीएमजे (टेम्पोरोमैडिबुलर जाइंट) एंकिलोसिस की दुर्लभ सर्जरी सफलतापूर्वक की। डॉक्टर प्रशांत पारीक ने बताया कि विजयनगर निवासी मरीज उम्र 8 वर्ष लंबे समय से जबड़े की जकड़न से पीड़ित था, जिस कारण से वह सामान्य रूप से अपना मुंह नहीं खोल पता था। जिससे खाना खाने, बोलने एवं चेहरे की बनावट पर गहरा प्रभाव पड़ता है। टीएमजे एंकिलोसिस एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति है, जिसमें जबड़े की हड्डी (मेंडिबल) और सिर की हड्डी (टेंपोरल) आपस में जुड़ जाती है।
इस सर्जरी में उन्नत तकनीक की मदद से जुड़ी हुई हड्डियों को सावधानीपूर्वक अलग किया गया और इंटरपोजीशनल ग्राफ्ट लगाया गया जिससे जबड़े की सामान्य गति बहाल हो गई। इस सर्जरी में जनरल सर्जन डाॅ. अजय काबरा, ऐनस्थेसिया टीम डॉक्टर रिचा रिझवानी एवं डाॅ. नीना तिवारी, एवं ऑपरेशन सहायक स्टाॅॅफ खाजू एवं कौशल का विशेष सहयोग रहा।
बच्चे को पूर्ण स्वस्थ्य अवस्था में चिकित्सालय से छुट्टी दे दी गई।
चिकित्सालय के मेडिकल डायरेक्टर डाॅक्टर नरेश पोरवाल ने बताया की ऐसी सर्जरी सम्भवतया भीलवाड़ा में प्रथम बार है और यदि लोगों में जागरूकता होगी तो अब उन्हें इस प्रकार की सर्जरी के लिए बड़े शहरों के लिए नहीं जाना पड़ेगा।
डॉक्टर नरेश पोरवाल ने बताया कि चिकित्सालय सुपर स्पेिश्यलिटी सेवाओं में निरंतर अपनी पहचान बना रहा है, कार्डियक, न्यूरोसर्जरी, यूरोलॉजी के साथ-साथ उन्नत क्रिटिकल केयर सेवाओं के द्वारा भीलवाड़ा एवं आसपास के मरीजों को गुणवत्तायुक्त सेवाएं प्रदान कर रहा है