भीलवाड़ा। ग्रामीण राजनीति में जब सत्ता और दबंगई का गठजोड़ मजबूत हो जाता है, तब सबसे पहले निशाना सच बोलने वाली आवाजें बनती हैं। फुलियाकलां थाना क्षेत्र से सामने आया मामला इसका ताजा उदाहरण है, जहां एक समाचार का प्रकाशन स्थानीय दबंगों को इस कदर नागवार गुजरा कि एक पत्रकार पर जानलेवा हमला कर दिया गया।
संवाददाता सत्यनारायण टेलर ने 17 दिसंबर 2025 को ग्राम अरवड में आयोजित रात्रि चौपाल कार्यक्रम का कवरेज किया था। यह खबर प्रकाशित होने के बाद सरपंच पति ने कथित रूप से पत्रकार को फोन पर धमकियां दीं और खबरें छापने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी। धमकियां यहीं नहीं रुकीं, बल्कि 24 दिसंबर की सुबह पत्रकार पर बस स्टैंड जाते समय साथियों सहित हमला कर दिया गया।
आरोप है कि मारपीट के दौरान गले, कंधे और पेट पर गंभीर चोटें पहुंचाई गईं तथा जान से मारने की धमकी दी गई। हमलावरों ने रिपोर्ट दर्ज कराने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की बात भी कही। घटना के बाद घायल पत्रकार ने फुलियाकलां थाने में रिपोर्ट दी, जिस पर पुलिस ने संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
यह घटना केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वतंत्र पत्रकारिता की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है। पत्रकार संगठनों में आक्रोश है और दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की जा रही है।