यूआईटी मंडपिया चौराहे पर लगाएगी ‘बुनाई करते हाथों’ का भव्य स्टेच्यू, भदाली खेड़ा पर बनेगी राणा पूंजा की प्रतिमा

Update: 2025-11-22 07:06 GMT

AI द्वारा निर्मित 


भीलवाड़ा, । राजस्थान की टेक्सटाइल सिटी के रूप में मशहूर भीलवाड़ा की पहचान को और मजबूत करने के लिए शहरी सुधार न्यास (यूआईटी) ने दो बड़े कदम उठाए हैं। शहर के दो प्रमुख प्रवेश द्वारों को थीम आधारित स्मारकों से सजाने की योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है।

यूआईटी चित्तौड़गढ़ रोड स्थित मंडपिया चौराहे पर बुनाई करते हाथों (लूम पर काम करते हाथ) का भव्य एवं आकर्षक स्टेच्यू स्थापित करेगी। इसका प्रस्तावित मॉडल तैयार हो चुका है। इस स्टेच्यू का उद्देश्य बाहर से आने वाले यात्रियों के मन में तुरंत यह संदेश पहुँचाना है कि वे देश के सबसे बड़े टेक्सटाइल हब में प्रवेश कर रहे हैं।

दूसरी ओर, अजमेर रोड पर भदाली खेड़ा चौराहे के पास ‘हेरिटेज भीलवाड़ा’ थीम पर भीलवाड़ा क्षेत्र के महान लोकनायक एवं महाराणा प्रताप के परम मित्र राणा पूंजा की प्रतिमा लगाई जाएगी। इसकी सभी आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

यूआईटी सचिव ललित गोयल ने बताया, “दोनों ही स्थलों को शहर की विरासत और आधुनिक पहचान से जोड़कर भव्य स्वरूप दिया जाएगा। आने-जाने वाले लोग एक नजर में ही भीलवाड़ा की टेक्सटाइल धड़कन और गौरवशाली इतिहास से परिचित हो सकें, यही हमारा लक्ष्य है।”



 


शहरवासियों ने इन दोनों योजनाओं का स्वागत किया है। साथ ही कई लोगों की मांग है कि राणा पूंजा की प्रतिमा अकेले नहीं, बल्कि महाराणा प्रताप के साथ जोड़ी के रूप में लगाई जाए, ताकि हल्दीघाटी की वीरता और अटूट मित्रता की पूरी कहानी एक साथ जीवंत हो सके।

यूआईटी अधिकारियों का कहना है कि दोनों प्रोजेक्ट शीघ्र ही धरातल पर दिखाई देने लगेंगे। इन स्मारकों के बनने से भीलवाड़ा की ब्रांडिंग को नई ऊँचाई मिलने की पूरी उम्मीद है।


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