वेस्ट कपड़ों से धागा बनाकर फिर कपड़ा तैयार करेगा निगम, ट्रेंचिंग ग्राउंड पर लगेंगे नए प्लांट
इंदौर। शहर में कचरा प्रबंधन को और आधुनिक बनाने की दिशा में नगर निगम इंदौर एक और कदम उठाने जा रहा है। अब वेस्ट कपड़ों को सीधे नष्ट करने के बजाय उनसे धागा निकालकर दोबारा उपयोग योग्य कपड़ा तैयार किया जाएगा। इसके लिए देवगुराड़िया स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड पर विशेष वेस्ट क्लॉथ प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा। साथ ही मृत पशुओं को दफनाने की परंपरा को खत्म कर उन्हें मॉडर्न तकनीक से जलाने की व्यवस्था भी की जाएगी। दोनों परियोजनाओं का महापौर द्वारा भूमि पूजन किया जाएगा।
नगर निगम स्वच्छ भारत मिशन के तहत पहले से ही पीपीपी मॉडल पर कई आधुनिक प्लांट संचालित कर रहा है। इनमें बायो सीएनजी और मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी जैसे प्लांट शामिल हैं। अब इसी कड़ी में वेस्ट कपड़ों के वैज्ञानिक और स्थायी निपटान के लिए नया प्लांट लगाया जा रहा है।
थ्री आर कलेक्शन सेंटर और नेकी की दीवार के माध्यम से शहर में बड़ी मात्रा में अनुपयोगी कपड़े एकत्र हो रहे हैं। इन्हीं कपड़ों को इस नए प्लांट में प्रोसेस कर धागा तैयार किया जाएगा, जिससे उनका पुनः उपयोग संभव हो सकेगा और कचरे में कमी आएगी।
यह परियोजना पीपीपी मॉडल पर लगभग दो करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार की जा रही है। एमएस ह्यूमन मैट्रिक्स सिक्योरिटी नामक कंपनी अगले बीस वर्षों तक इस प्लांट का संचालन करेगी और इसके बदले नगर निगम को हर माह एक लाख पचहत्तर हजार रुपये का भुगतान करेगी।
नगर निगम का कहना है कि इस पहल से न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सर्कुलर इकोनॉमी की दिशा में भी शहर एक मजबूत उदाहरण पेश करेगा।
