पाली में 583 फैक्ट्रियां 24 दिन से बंद, उद्यमियों के आपसी विवाद से उद्योग जगत में संकट, मजदूरों का पलायन शुरू

Update: 2025-12-06 22:30 GMT


 


पाली जिले के औद्योगिक क्षेत्र में पिछले चौबीस दिनों से 583 फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप पड़ा है। प्रतिदिन बीस से पच्चीस करोड़ रुपये का औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हो रहा है। इस बंदी का असर उद्योग मालिकों से लेकर छोटे उद्यमियों और मजदूरों तक सभी पर पड़ रहा है। कई फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर रोजी रोटी के लिए वैकल्पिक रोजगार तलाशने लगे हैं।

इस बार स्थिति इसलिए भी अलग है क्योंकि प्रशासन ने फैक्ट्रियां बंद नहीं करवायीं, बल्कि उद्यमियों के आपसी विवाद और ट्रीटमेंट प्लांटों की बंदी के कारण उद्योग अपने आप ठप पड़ गए। उद्योग क्षेत्र में ऐसे हालात पहले कभी देखने को नहीं मिले।

ट्रीटमेंट प्लांट बंद होने से फैक्ट्रियां ठप

औद्योगिक क्षेत्र में अपशिष्ट जल निस्तारण के लिए ट्रीटमेंट प्लांटों पर निर्भरता रहती है। प्लांट बंद होते ही फैक्ट्रियों में उत्पादन रोकना अनिवार्य हो जाता है।

10 नवंबर को प्लांट नंबर 6 बंद हुआ

25 नवंबर को प्लांट नंबर 4 बंद हुआ

इन दोनों प्लांटों ने अनट्रीट पानी लेना बंद कर दिया, जिसके बाद फैक्ट्रियों का संचालन असंभव हो गया।

क्यों बंद हुए ट्रीटमेंट प्लांट

प्लांट नंबर 6 का संचालन करने वाली स्वराष्ट्र कंपनी के मैनेजर मुरुगेश थंगराज ने बताया कि प्लांट की क्षमता बारह एमएलडी है और यहां औसतन सात एमएलडी अनट्रीट पानी आता रहा है। सीआईटीपी के प्रोजेक्ट पर आठ करोड़ रुपये तथा ओ एंड एम के तीन करोड़ रुपये बकाया होने से संचालन मुश्किल हो गया था। इसी कारण दस नवंबर से अनट्रीट पानी लेना बंद कर दिया गया।

प्लांट नंबर 4 का संचालन त्रिवेणी कंपनी करती है। कंपनी के प्लांट मैनेजर प्रबल सिंह के अनुसार सीआईटीपी पर प्रोजेक्ट के इकतीस करोड़ तथा ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के साढ़े पांच करोड़ रुपये बकाया हैं। लगातार बढ़ते बकाया की वजह से प्लांट चलाना संभव नहीं रह गया और पच्चीस नवंबर से यह प्लांट भी बंद कर दिया गया।

सौ करोड़ से बना प्लांट 6, चौवन करोड़ से बना प्लांट 4

पूनायता औद्योगिक क्षेत्र में उद्यमियों ने सरकार की मदद से सौ करोड़ रुपये की लागत से प्लांट नंबर 6 का निर्माण कराया था। प्लांट नंबर 4 की स्थापना चौवन करोड़ रुपये में की गई थी। दोनों प्लांटों की क्षमता बारह बारह एमएलडी है।

फैक्ट्रियां कब खुलेंगी, अनिश्चितता बरकरार

उद्योग जगत को उम्मीद है कि बकाया भुगतान और संचालन विवाद सुलझते ही प्लांट दोबारा चालू किए जाएंगे। लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया है, जिससे उद्यमियों और मजदूरों में चिंता बढ़ती जा रही है।

 

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