देशभर में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब पूरे दिन एक जैसा बिजली का रेट नहीं चलेगा। केंद्र सरकार पहले ही टाइम ऑफ द डे टैरिफ लागू करने का कानून जारी कर चुकी है और अगले 3 से 6 महीनों में यह सिस्टम पूरे देश में लागू होने की तैयारी में है।
इस नई प्रणाली में सुबह, दोपहर, शाम और रात—हर स्लॉट में बिजली का दाम अलग रहेगा। असम इस व्यवस्था को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन चुका है। नए सिस्टम को मोबाइल कंपनियों की तरह समझा जा सकता है, जहां पहले दिन और रात के कॉल रेट अलग होते थे।
जयपुर में आयोजित प्रवासी राजस्थानी दिवस के दौरान स्मार्ट मीटर निर्माता जीनस पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के ज्वाइंट डायरेक्टर जितेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि ToD टैरिफ आने वाले वर्षों में भारत के पावर सिस्टम को पूरी तरह बदल देगा। अमेरिका, ब्रिटेन और जापान जैसे कई देश पहले से इसी तरह की व्यवस्था पर काम कर रहे हैं।
ToD लागू होने के लिए स्मार्ट मीटर अनिवार्य
अग्रवाल के अनुसार ToD सिस्टम को सही तरीके से लागू करने के लिए हर घर में स्मार्ट मीटर जरूरी है, क्योंकि ये मीटर हर 15 मिनट में बिजली खपत का डेटा रिकॉर्ड करते हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान में अगले 18 महीने के भीतर हर घर में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
देश में स्मार्ट मीटरिंग की मौजूदा स्थिति
आरडीएसएस योजना के तहत केंद्र सरकार ने 20 करोड़ स्मार्ट मीटर स्वीकृत किए हैं। नवंबर 2025 तक 3.15 करोड़ और आरडीएसएस व नॉन-आरडीएसएस मिलाकर कुल 4.76 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। अगले 5 से 6 साल में 25 से 26 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है। कृषि कनेक्शन फिलहाल इस दायरे से बाहर हैं, क्योंकि इन पर अलग सब्सिडी और फीडर सिस्टम चलता है।
राजस्थान में 18 महीनों में हर घर में स्मार्ट मीटर
कंपनी के अनुसार राजस्थान में अब तक 20 से 22 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं और अगले डेढ़ साल में यह काम पूरा कर दिया जाएगा।
स्मार्ट मीटर लगने के तीन बड़े फायदे
पहला फायदा— उपभोक्ता को हर 15 मिनट में मोबाइल ऐप पर बिजली खपत का सही डेटा मिलता है। इससे यह पता चलता है कि कौन सा उपकरण कितना लोड ले रहा है और अतिरिक्त लोड की स्थिति बन रही है या नहीं।
दूसरा फायदा— रोजाना का कंजम्पशन दिखने से उपभोक्ता अपनी बिजली योजना बेहतर बना सकता है और महीने के बिल में कितनी बचत होगी, यह पहले से समझ आता है।
तीसरा फायदा— बिल बिल्कुल वास्तविक खपत पर आधारित होता है, जिससे गलत बिलिंग और मीटर रीडर की परेशानी खत्म होती है।
देश में ToD नीति लागू होने के बाद बिजली उपयोग की आदतों में बड़ा बदलाव देखने की संभावना है और उपभोक्ताओं को पीक आवर्स में अधिक सावधानी बरतनी होगी।
