चांदी 2 लाख के पार, सोना भी चढ़ा — घरेलू और ग्लोबल मार्केट में जोरदार तेजी: घरेलू और ग्लोबल मार्केट में जोरदार तेजी
नई दिल्ली। सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन सोना-चांदी दोनों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर चांदी पहली बार 2 लाख रुपये प्रति किलो का स्तर पार कर गई, जबकि सोना भी मजबूत बढ़त के साथ 1,33,918 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। कारोबार के समय चांदी 2,00,040 रुपये प्रति किलो दर्ज की गई। वैश्विक बाजारों में भी चांदी ने बड़ी छलांग लगाई है, जहां COMEX पर इसकी कीमत 64.32 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।
ग्लोबल मार्केट में इतनी तेजी के पीछे प्रमुख कारण कमजोर डॉलर, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें और सिल्वर की कमी मानी जा रही है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजार इस समय नई ऊंचाइयों पर कारोबार कर रहे हैं।
चांदी इतनी तेजी से क्यों चढ़ी?
विशेषज्ञों के मुताबिक, 2025 में ग्लोबल सिल्वर प्राइस 60 से 64 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गए, जो पिछले वर्षों की तुलना में दोगुने से भी अधिक है। इसके पीछे कई बड़े कारण हैं:
सप्लाई की कमी
सिल्वर बाजार लगातार पांचवें साल सप्लाई डेफिसिट का सामना कर रहा है। बढ़ती मांग के मुकाबले उत्पादन बहुत कम है। चांदी का उत्पादन बढ़ाना भी आसान नहीं, क्योंकि यह कई बेस मेटल्स जैसे कॉपर, जिंक और लेड की माइनिंग के दौरान उप-उत्पाद के रूप में निकलती है।
इंडस्ट्रियल डिमांड में उछाल
चांदी अब सिर्फ आभूषणों तक सीमित नहीं है। यह ग्रीन एनर्जी और हाई-टेक इंडस्ट्री की सबसे महत्वपूर्ण धातुओं में शामिल हो चुकी है। इसकी सबसे अधिक खपत इन क्षेत्रों में होती है:
सोलर पैनल
इलेक्ट्रिक व्हीकल
इलेक्ट्रॉनिक्स
सेमीकंडक्टर
5G उपकरण
बैटरी
मेडिकल डिवाइस
भारत में कीमतें इतनी क्यों बढ़ीं?
घरेलू बाजार में चांदी की तेजी के पीछे कई स्थानीय कारण हैं:
रुपये की कमजोरी
कस्टम ड्यूटी और जीएसटी
त्योहार और शादी सीजन की मांग
सिल्वर ETF में बढ़ता निवेश
सोने की तुलना में चांदी का सस्ता दिखना
जब डॉलर मजबूत और रुपया कमजोर होता है, तो कीमतें घरेलू स्तर पर और ज्यादा चढ़ जाती हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर दोहरा असर पड़ता है।
सोना-चांदी की ये रिकॉर्ड ऊंचाइयां फिलहाल जारी रहने की संभावना बताई जा रही है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ट्रेंड अभी भी तेजी के संकेत दे रहे हैं।
