भीलवाड़ा के अस्पतालों से वसूले करोड़ों, डॉ छीपा को भेजा जेल: आयुष्मान भारत योजना में रिश्वतखोरी का भंडाफोड़, डॉक्टर गिरोह का नेटवर्क उजागर

Update: 2025-12-16 15:28 GMT



भीलवाड़ा हलचल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना को बदनाम करने वाला एक बड़ा रिश्वतखोरी रैकेट भीलवाड़ा में सामने आया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई में गिरफ्तार किए गए डॉ पंकज छीपा से पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। डॉ पंकज को बुधवार को एसीबी न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में( जेल,) भेज दिया गया।

एसीबी जांच में सामने आया है कि तिलक नगर स्थित सिद्धिविनायक अस्पताल को आयुष्मान भारत योजना में अनियमितताओं का डर दिखाकर ब्लैकमेल करने का प्रयास किया। डॉ पंकज छीपा ने अस्पताल को योजना से बाहर करने और बिल पास नहीं करने की धमकी देकर 14 लाख रुपए की मांग की थी। बाद में यह सौदा 11 लाख रुपए में तय हुआ। अस्पताल प्रबंधन की ओर से मैनेजर राकेश ने अजमेर एसीबी में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद सोमवार को ट्रैप कार्रवाई करते हुए डॉ पंकज को 11 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ में यह भी सामने आया है कि इस तरीके से भीलवाड़ा के कई निजी अस्पतालों को डराया गया और उनसे लाखों रुपए की वसूली की गई। अस्पताल संचालक बदनामी और आयुष्मान योजना से बाहर होने के डर के कारण शिकायत करने से बचते रहे। जांच में खुलासा हुआ है कि यह वसूली आयुष्मान भारत योजना की जांच करने वाले डॉ कुलदीप के नाम का सहारा लेकर की जाती थी। 

एसीबी सूत्रों के अनुसार इस गिरोह में डॉ पंकज छिपा के साथ डॉ किशन और आयुष्मान भारत परियोजना के भीलवाड़ा के पूर्व समन्वयक तुषार भटनागर की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि जिले के करीब आधा दर्जन निजी अस्पतालों से इसी तरह डराकर करोड़ों रुपए तक की वसूली की गई।फिलहाल एसीबी डॉ कुलदीप, डॉ किशन और पंकज के खिलाफ जांच में जुटी हे ।

यह भी चर्चा की भीलवाड़ा ही नहीं बल्कि अन्य शहरों में भी इस तरह वसूली तो नहीं की गई।

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