शर्मनाक :: 6 बरस के बालक ने चार साल की बच्‍ची से दो दोस्तो संग किया दुष्कर्म

Update: 2024-09-04 04:15 GMT

 सितारगंज ।स्कूल में  खेलने कूदने की आड़ में 11 वर्षीय कक्षा पांच के छात्र, आठ वर्षीय कक्षा 2 के छात्र, छह वर्षीय कक्षा एक के छात्र ने चार वर्षीय बच्ची के साथ छेड़खानी की। तीनों बालकों ने जो कृत्य किया है। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर दुष्कर्म की परिधि में आता है। इसलिए सोमवार को दुष्कर्म के प्रयास के मुकदमे में दुष्कर्म और पॉस्को एक्ट की धारा में मामला दर्ज किया हैं।

एसएसपी ने कहा कि बच्ची के साथ दुष्कर्म की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पहुंची। महिला पुलिस ने बच्ची के बयान दर्ज किए। सोमवार की देर रात में ही मेडिकल परीक्षण कराया था, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। एसएसपी ने बताया कि बाल कल्याण पुलिस अधिकारी ने तीनों बालकों को परिजनों के साथ संरक्षण में किशोर न्याय बोर्ड के सामने पेश किया। उन्होंने बताया कि बच्ची स्वस्थ है। साइकोलॉजिकल काऊंसिलिंग के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमीशन से पत्राचार किया जा रहा है।

यह है प्रकरण

सितारगंज। पीड़ित बालिका की मां ने सोमवार की शाम कोतवाली में तहरीर देकर कहा था कि उसकी चार वर्षीय पुत्री रोजाना की तरह गांव के स्कूल में गई थी। हालांकि छोटी आयु होने के कारण उसका स्कूल में नाम दर्ज नहीं था। सोमवार की सुबह प्रात: आठ बजे बालिका विद्यालय गई थी। दो-तीन घंटे बाद बच्ची रोते हुए घर लौट आई। उसने तीन के नाम लेकर उसकी पिटाई की जानकारी अपनी मां को दी तथा इशारा कर दर्द बताया। मां बेटी की बात नहीं समझ पाई। शाम चार बजे बच्ची ने मां को फिर दर्द की बात बताई तो पता चला कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ है। महिला बेटी और परिजनों को लेकर कोतवाली पहुंची। पुलिस को जैसे ही इसकी जानकारी मिली तो रात को ही तीनों बालकों को संरक्षण में ले लिया गया।मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज किये है।


किंतु सोचनीय यह है कि हमारा समाज किस ओर जा रहा है। वे कौन से कारक रहे होंगे, जिनसे शैशव अवस्था में ही विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित होकर वे आपराधिक कृत्य कर बैठे।

छह वर्ष की आयु का बालक ठीक से बोल भी नहीं पाता है। उसके दोनों जबड़ों में कुल जमा 20 दूध के दांत गिरने प्रारंभ होते हैं। यह वह अवस्था होती है, जब बालक का शरीर व मन दोनों अविकसित होता है।इस उम्र में तो वह लिंग भेद भी नहीं कर पाता है। लेकिन  ये कृत्य सोचनीय है इसके पीछे मोबाइल संस्कृति तो कहीं ना कहीं नहीं है!

इससे यह भी सिद्ध होता है कि परिवार के साथ ही समाज निर्माण की दिशा में भी गंभीरता के साथ चिंतन-मनन नहीं किया जा रहा है। विकृत होते जा रहे समाजिक सोच की पोल भी इस घटना ने खोल दी है। छोटे बच्चों के हाथ में मोबाइल पकडाना कहीं इसकी शुरुआत तो नहीं है।

मामला दुखद व गंभीर

एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने मंगलवार को कोतवाली में प्रकरण का पर्दाफाश किया। उन्होंने बताया कि सोमवार को गांव की महिला ने तहरीर देकर पुलिस को बताया था कि उसकी चार वर्षीय पुत्री के साथ गांव के ही स्कूल में कक्षा एक, दो और पांच में पढ़ने वाले तीन छात्रों ने दुष्कर्म करने का प्रयास किया।

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