हे, राम: अस्पताल में बहन के सामने ही मार दी भाई को गोली, किसी और को आए थेमारने , गलती से किसी और को मार डाला

Update: 2024-07-15 07:12 GMT

 भाई को खाना खिलाकर तरन्नुम रियाजुद्दीन के पास बैठी थी। उसकी भाभी हिना काम से घर गई हुई थी। इस बीच 3.45 बजे के करीब एक लड़का लाल रंग की टी-शर्ट पहने वहां पहुंचा। उसके साथ दो और लड़के थे। आते ही उसने पिस्टल निकाली और रियाजुद्दीन पर गोलियां चला दीं। उसने पहले तो भाई को बचाने का प्रयास किया, लेकिन भयवश नीचे बैठ गई।

कई राउंड गोलियां चलाकर बदमाश भाग खड़े हुए। उस समय गेट पर गार्ड भी खड़ा था। वार्ड में और बाहर भी लोग थे, लेकिन कोई भी उनको पकड़ने का साहस नहीं जुटा सका। जब उसने भाई को देखा तो उसकी सांसें थम चुकी थीं। इस बीच अस्पताल में अफरा-तफरी मच चुकी थी। तरन्नुम ने फौरन घर फोन किया। परिजन दौड़े-दौड़े अस्पताल पहुंचे।

परिजनों का कहना है था कि वह लगातार रियाजुद्दीन के जल्द ठीक होने की दुआएं कर रहे थे। उसकी तबीयत में अब सुधार भी हो रहा था, लेकिन शायद खुदा को कुछ और ही मंजूर था। रियाजुद्दीन के भाई फहीम ने बताया कि वह परिवार के साथ गली नंबर-14, श्रीराम कालोनी, खजूरी खास में रहते हैं।इनके परिवार में मां नसीम बेगम, दो भाई रियाजुद्दीन व रहीसुद्दीन, तीन बहनें तरन्नुम, रुकसार, रकसाना हैं। भाई रियाजुद्दीन के परिवार में पत्नी हिना के अलावा दो बच्चे बेटा अनस (13) और बेटी उर्मिश (7) हैं।रियाजुद्दीन के पिता इस्लामुद्दीन की चार साल पहले मौत हो गई थी। पिता दांतों का देसी तरीके से इलाज करते थे। रियाजुद्दीन भी पिता के साथ काम करते थे। पिता की मौत के बाद वह डिप्रेशन में चला गया। इस बीच वह नशा करने लगा। परिवार ने उसे इलाज के लिए भर्ती कराया। पेट में संक्रमण के अलावा उसके पेट में एक गांठ थी।उसका इलाज चल रहा था। फहीम बताता है कि पहले उसके भाई और पिता की कमाई से ही घर चल रहा था। भाई के बीमार होने के बाद परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। अब भाई ठीक भी हो रहा था। परिवार को उम्मीद थी कि भाई ठीक होकर वापस काम पर लौट आएगा, लेकिन अब उसकी हत्या के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।

12 जून को हमलावरों ने बदमाश वसीम और आसिफ पर 30 गोलियां बरसाई थीं

मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वसीम के खिलाफ हत्या के प्रयास, जबरन वसूली, झपटमारी और लूट के 17 मामले दर्ज थे। जेल में उसकी लड़ाई वेलकम के बदमाश समीर बाबा से हो गई। उसके इशारे पर वसीम की हत्या की योजना बनाई गई।

12 जून को लोनी निवासी जुनैद (32) ने धोखे से वसीम को वेलकम शैतान चौक बुला लिया। इस बीच फैजान (21) और मोहसिन उर्फ अदनान (22) ने वसीम और उसके दोस्त आसिफ पर गोलियां बरसाई। उत्तर-पूर्वी जिला पुलिस ने वारदात के तीन दिन बाद ही फैजान, मोहसिन और जुनैद को गिरफ्तार कर लिया।

जुनैद के खिलाफ पहले से 34 मामले दर्ज थे। वहीं फैजान व मोहसिन के खिलाफ तीन-तीन मामले दर्ज थे। इस बीच लगातार बदमाश वसीम की हत्या के फिराक थे। वसीम की पत्नी के आरोप है कि दो बार वार्ड तक बदमाश उसकी हत्या करने पहुंचे थे। वह पुलिस व अस्पताल से सुरक्षा की गुहार लगाती रही। अब उसके पति के बजाए रियाजुद्दीन की बदमाश हत्या कर गए। पुलिस इन सब तथ्यों की पड़ताल कर रही है।

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