नौसेना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुईं राष्ट्रपति मुर्मू, कहा- भारत हमेशा रहा है मजबूत समुद्री राष्ट्र
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को नौसेना दिवस पर पुरी के ब्लू फ्लैग बीच पर ऑपरेशन पर प्रदर्शन (ऑप डेमो) कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत की भौगोलिक स्थिति ने हमें एक महान समुद्री राष्ट्र बनने के लिए सभी आवश्यक तत्वों से संपन्न किया है। लंबी तट रेखा, द्वीपीय क्षेत्र,समुद्र यात्रा करने वाली जनसंख्या और विकसित समुद्री बुनियादी ढांचे ने भारत की समुद्री गतिविधियों को 5,000 वर्षों से अधिक समय पहले तटों और महासागरों के पार प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि एक गौरवमयी समुद्री धरोहर और इतिहास पर गर्व करते हुए और एक भविष्य की ओर देखते हुए जो वादा करता है, भारत हमेशा से एक मजबूत समुद्री राष्ट्र रहा है। हमारी किस्मत, महिमा और पहचान सागर द्वारा परिभाषित होती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय नौसेना समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करना जारी रखेगी, जो 2047 तक 'विकसित भारत' की दिशा में अग्रसर होने के लिए आवश्यक है।
इससे पहले भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने महामहिम और गणमान्य लोगों का स्वागत किया। राष्ट्रपति ने भारतीय नौसेना के सभी कर्मियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि चार दिसंबर को हम 1971 के युद्ध में अपनी गौरवमयी विजय का उत्सव मनाते हैं और मातृभूमि की रक्षा में नौसेना कर्मियों द्वारा किए गए नि:स्वार्थ सेवा और सर्वोच्च बलिदान को सम्मानित करते हैं। भारत भारतीय नौसेना के सभी कर्मियों के प्रति आभारी है और हर भारतीय उन्हें सम्मान और साहस के साथ राष्ट्र की सेवा करने के लिए सलाम करता है।
राष्ट्रपति ने 'नारी शक्ति' को उपयुक्त विकास के अवसर प्रदान करने में नौसेना के अग्रणी प्रयासों की सराहना की। उन्होंने यह उल्लेख किया कि नौसेना पहली ऐसी सेवा थी जिसने महिलाओं को अग्निवीर के रूप में शामिल किया। उन्होंने कहा कि दो महिला नौसेना अधिकारियों, लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा, इस नए दृष्टिकोण का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत करती हैं, क्योंकि वे 'नाविका सागर परिक्रमा II' के हिस्से के रूप में आईएनएसवी तारिणी में विश्व भ्रमण कर रही हैं।
राष्ट्रपति को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
भारतीय नौसेना ने बुधवार को नौसेना दिवस पर ओडिशा में पुरी के ब्लू फ्लैग बीच पर ऑपरेशन पर प्रदर्शन (ऑप डेमो) के माध्यम से अपनी ऑपरेशनल शक्ति का प्रदर्शन किया। भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के समक्ष हुए ऑपरेशन डेमो के लिए 3500 से अधिक कर्मियों को समुद्र में प्लेटफॉर्म पर तैनात किया गया और 350 कर्मी तट पर समन्वय में शामिल हुए। राष्ट्रपति मुर्मू के पहुंचने पर सबसे पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने नौसेना बैंड की मधुर ध्वनि के बीच परेड का निरीक्षण किया, जिसके बाद उन्हें सलामी दी गई।
मार्कोज कमांडो ने दिखाए हैरतंगेज कारनामे
राष्ट्रपति के मंच पर पहुंचने के बाद हवाक एयरक्राफ्ट से बमबारी का प्रदर्शन किया गया। इसके बाद चेतक हेलीकॉप्टरों ने आसमान में नौसेना का ध्वज फहराकर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की। इसके बाद मार्कोस कमांडो ने एडवांस लाइट हेलीकॉप्टरों से समुद्र में उतरकर तट पर दुश्मनों की चौकी को नष्ट करके बंधक को छुड़ाने का प्रदर्शन करके बंधक को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। मरीन कमांडो ऑपरेशन पूरा करने के बाद रस्सी की सहायता से हेलीकॉप्टरों पर सवार होकर लौटे। इसके बाद एरियल मार्कोस, एम्फीबियस डेमो, सबमरीन सेल पास्ट, एरियल और सरफेस फायरिंग का हैरतंगेज प्रदर्शन किया।
dआम लोगों की तरह जगन्नाथ मंदिर में की पूजा-अर्चना
इससे पहले सुबह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने श्री जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में पूजा अर्चना की। वे आम लोगों की तरह सड़क पर चलीं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को आम जनता की तरह पुरी की सड़कों पर पैदल चलकर भगवान जगन्नाथ मंदिर में दर्शन करने पहुंचीं। ग्रैंड रोड पर एक किलोमीटर पैदल चलने के बाद उन्होंने भगवान जगन्नाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। राष्ट्रपति को सड़क पर चलते देख लोगों ने उनका स्वागत किया। वे अपनी बेटी, दामाद और पोती के साथ मंदिर दर्शन करने पहुंची थीं। मंदिर में दर्शन के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, मैंने भगवान से आशीर्वाद प्राप्त किया और देश के लोगों के लिए प्रार्थना की। इससे पहले उनके पुरी पहुंचने पर उनका मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, उपमुख्यमंत्री प्रवति पारिदा और पुरी सांसद संबित पात्रा ने उनका स्वागत किया। उन्होंने मंदिर के अंदर करीब 30 मिनट बिताए। उन्होंने अपनी गाड़ी से बाहर निकलकर एकत्रित भक्तों का अभिवादन किया और फिर नंगे पांव मंदिर के अंदर गईं। इसके बाद महामहिम ने दोपहर के समय गोपबन्धु आयुर्वेद महाविद्यालय के डायमंड जुबली उत्सव में भाग लिया।