इंडिया स्टेट' वाला बयान राहुल गांधी के लिए बना मुसीबत, बिहार के बाद गुवाहाटी में भी केस दर्ज
कांग्रेस नेता के खिलाफ गुवाहाटी के पान बाजार थाने में शनिवार को बीएनएस के तहत गैर जमानती धाराओं में यह केस दर्ज किया गया। आरोप है कि राहुल ने भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले बयान दिए।
शिकायतकर्ता मोनजीत चेतिया ने आरोप लगाया कि राहुल का बयान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमाओं का उल्लंघन है। इससे सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। चेतिया ने दावा किया कि राहुल गांधी के शब्द राज्य के अधिकार को अवैध ठहराने की कोशिश है। इससे एक खतरनाक धारणा तैयार होगी, जो अशांति और अलगाववादी भावनाओं को भड़का सकती है।
15 जनवरी को दिल्ली में नए कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन के उद्घाटन में राहुल ने मोहन भागवत के एक बयान पर कहा था कि भाजपा, आरएसएस ने हर संस्था पर कब्जा कर लिया है। अब हम भाजपा, आरएसएस और इंडियन स्टेट से लड़ रहे हैं।
दरअसल, 13 जनवरी को राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख ने इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को प्रतिष्ठा द्वादशी के तौर पर मनाया जाना चाहिए। इसे ही भारत का 'सच्चा स्वतंत्रता' दिवस मानना चाहिए।
राहुल का बयान चुनावी हार की हताशा का परिणाम : शिकायतकर्ता
गुवाहाटी हाईकोर्ट के वकील और शिकायतकर्ता मोनजीत चेतिया ने कहा कि राहुल गांधी की का बयान बार-बार चुनावों में मिल रही हार की हताशा का नतीजा है। विपक्ष के नेता के तौर पर राहुल पर लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का विश्वास बनाए रखने की जिम्मेदारी है, लेकिन वे झूठ फैलाने और विद्रोह भड़काने का काम कर रहे हैं। चेतिया ने कहा, लोकतांत्रिक तरीकों से जनता का विश्वास हासिल करने में नाकाम होने के बाद, वह अब केंद्र सरकार और भारतीय राज्य के खिलाफ असंतोष भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
बिहार में भी दर्ज हुआ था मामला
इससे पहले, बिहार के समस्तीपुर जिले रोसरा कोर्ट ने राहुल गांधी के विरोध में परिवाद दायर किया था। परिवादी ने इसे देशद्रोह बताते हुए कोर्ट से आजीवन कारावास की मांग की है। कोर्ट 17 फरवरी को इस मामले की सुनवाई करेगी। रोसरा थाना क्षेत्र के ही सोनूपुर गांव निवासी सुरेंद्र चौधरी के पुत्र मुकेश चौधरी ने यह परिवाद दायर किया है।