केरल की अदालत ने रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ जारी किया जमानती वारंट, एक फरवरी को मामले की अगली सुनवाई
केरल की एक अदालत ने भ्रामक विज्ञापन के एक मामले में योग गुरु बाबा रामदेव और उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। जानकारी के मुताबिक, पलक्कड़ न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वितीय ने रामदेव, बालकृष्ण और दिव्य फार्मेसी के खिलाफ वारंट जारी किया।
पलक्कड़ के औषधि निरीक्षक ने दर्ज कराई थी शिकायत
पलक्कड़ के औषधि निरीक्षक ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है। उनकी शिकायत के आधार पर औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आक्षेपणीय विज्ञापन) अधिनियम, 1954 की धारा 3(डी) सह धारा 7(ए) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
मामले में एक फरवरी को अगली सुनवाई
मजिस्ट्रेट अदालत ने 16 जनवरी के अपने आदेश में कहा, 'शिकायतकर्ता अनुपस्थित है। सभी आरोपी अनुपस्थित हैं। सभी आरोपियों के लिए जमानती वारंट जारी किया गया है।' पलक्कड़ जिला न्यायालय की वेबसाइट पर मामले की स्थिति के अनुसार सुनवाई की अगली तारीख एक फरवरी है।
पहले विवादों में रहे रामदेव और बालकृष्ण
बाबा रामदेव ने दावा किया था कि उनके प्रोडक्ट कोरोनिल और स्वसारी से कोरोना का इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा भी पतंजलि अपने कुछ अन्य प्रोडक्ट्स को लेकर विवादों में रही है। बता दें कि कोरोना के अलावा रामदेव बाबा कई बार योग और पतंजलि के प्रोडक्ट्स से कैंसर, एड्स और होमोसेक्सुअलिटी तक ठीक करने के दावे को लेकर विवादों में रहे हैं। वहीं 2018 में भी FSSAI ने पतंजलि को मेडिसिनल प्रोडक्ट गिलोय घनवटी पर एक महीने आगे की मैन्युफैक्चरिंग डेट लिखने के लिए फटकार लगाई थी। जबकि 2015 में कैन्टीन स्टोर्स डिपार्टमेंट ने पतंजलि के आंवला जूस को पीने के लिए अनफिट बताया था। इसके बाद CSD ने अपने सारे स्टोर्स से आंवला जूस हटा दिया था। 2015 में कंपनी ने इंस्टेंट आटा नूडल्स लॉन्च करने से पहले फूड सेफ्टी एंड रेगुलेरिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) से लाइसेंस नहीं लिया था। इसके बाद पतंजलि को फूड सेफ्टी के नियम तोड़ने के लिए लीगल नोटिस का सामना करना पड़ा था।